नई दिल्ली : अयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ में आज भी सुनवाई जारी रहेगी. रामलला विराजमान की तरफ से एक बार फिर अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखा जाएगा. गुरुवार को अदालत ने संकेत दिए थे कि अयोध्या मामले की सुनवाई अब सप्ताह में 5 दिन हो सकती है. अमूमन संविधान पीठ सप्ताह में 3 दिन ही किसी मामले की सुनवाई करती है, किन्तु इस मामले की सुनवाई सप्ताह के 5 दिन हो सकती है.
गुरुवार को रामलला विराजमान की तरफ से जारी किए गए बहस में पेश वकील के परासरन ने 'जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादिप गरीयसि' संस्कृत श्लोक का हवाला देते हुए कहा था कि जन्मभूमि बेहद महत्वपूर्ण होती है. राम जन्मस्थान का मतलब एक ऐसा स्थान जहां सभी की आस्था और भरोसा है. न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने रामलला के वकील से सवाल किया था कि क्या कोई जन्मस्थान एक न्यायिक व्यक्ति हो सकता है? हम एक मूर्ति को एक न्यायिक व्यक्ति होने के संबंध में समझते हैं, किन्तु एक जन्मस्थान पर कानून क्या है?
रामलला के वकील के परासरन ने कहा था कि यह एक सवाल है जिसे तय करने की आवश्यकता है. न्यायमूर्ति बोबड़े ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के फैसले का ज़िक्र किया, जिसमें नदी को जीवित व्यक्ति बताते हुए अधिकार दिया गया था. इस बीच सुनवाई शुरू होते ही सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अपनी रिट याचिका का अदालत में खड़े होकर उल्लेख करना चाहा लेकिन कोर्ट ने उन्हें रोक दिया था.
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