सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- सरकार फाइल दबाकर क्यों बैठी है
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- सरकार फाइल दबाकर क्यों बैठी है
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नई दिल्ली :  जजों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार पर नाराजगी व्यक्त की है। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने सरकार से यह पूछा है कि आखिर वह फाइल को दबा कर क्यों बैठी हुई है। जानकारी के अनुसार जजों की नियुक्ति के संबंध में सिफारिशें की दी गई थी, बावजूद इसके सरकार ने फैसला नहीं लिया। शुक्रवार को जजों की नियुक्ति को लेकर कोर्ट ने सरकार को आड़े हाथों लिया। कोर्ट में मौजूद सरकार के अटाॅनी जनरल मुकुल रोहतगी को जवाब देना तक नहीं सुझा क्योंकि जिस तरह से कोर्ट ने सरकार को घेरा, उसका जवाब अटाॅनी जनरल के पास नहीं था।

नाक का सवाल न बनाये

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से जस्टिस ठाकुर ने कहा कि आप इसे नाक का सवाल न बनाएं। आप  संस्थाओं को दो पाटों के बीच नहीं पीस सकते। हम बेहद धैर्य के साथ काम कर रहे हैं। हम ऐसी स्थिति नहीं चाहतेए जहां न्यायपालिका तबाह हो जाए और अदालतों में ताले लगे जाएं। यह माना कि हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति नहीं होने देश के सभी राज्यों में मुकदमों का अंबार लग गया है। गौरतलब है कि सरकार ने जजों की नियुक्ति का जो फार्मूला सुझाया था उसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया।

अंकल जजों को जानते है हम

कोर्ट ने यह भी कहा कि वह हाईकोर्ट के अंकल जजों को अच्छी तरह से जानती है। अंकल जज उन्हें माना जाता है जिनके पुत्र पुत्रियां या अन्य निकट के रिश्तेदार हाईकोर्ट में वकालात करते हैं। ईमानदारी इतनी की कोई जज अपने बेटे.बेटी को अपनी अदालत में पैरवी नहीं करने देता। जब से जजों की नियुक्ति अन्य प्रांतों में होने लगी है तब से तो अंकल जजों की ईमानदारी और बढ़ गई है।

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