नई दिल्ली : समाजसेवी तीस्ता सीतलवाड़ के मामले में अब गुजरात सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने घेरे में ले लिया है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जहां मामले की सुनवाई करते हुये गुजरात सरकार से दो सप्ताह में जवाब देने के लिये कहा है वहीं अब आगामी सुनवाई के लिये कोर्ट की ओर से 21 सितंबर मुकर्रर कर दी गई है। मामला सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता के बैंक खातों को फ्रीज करने से जुड़ा हुआ है। बैंक खातों को फ्रीज करने के संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
यह है पूरा मामला-
आपको बता दे कि गुजरात में वर्ष 2002 के दौरान दंगे हुये थे। इसी दौरान अहमदाबाद की गुलमर्ग सोसायटी भी तबाह हो गई थी और इसी की याद में तीस्ता ने म्यूजियम बनाने का निर्णय लिया था। बताया गया है कि म्यूजियम बनाने की आड़ में चंदे की हेराफेरी का मामला सामने आया था और इसके बाद हेराफेरी का प्रकरण दर्ज कर लिया गया। जब मामला हाईकोर्ट में गया तो सुनवाई करते हुये कोर्ट ने न केवल सीस्ता और उसका साथ देने वाले जावे की अग्रिम जमानत की याचिका को रद्द कर दिया था वहीं सीस्ता के संगठन सिटीजन फाॅर जस्टिस एंड पीस का बैंक खाता भी फ्रीज करने के आदेश कोर्ट ने दिये थे। बताया गया है कि हेराफेरी करने के आरोप सबरंग नामक ट्रस्ट पर भी लगे थे। इसके बाद सबरंग का भी खाता फ्रीज कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत की याचिका रद्द करने के बाद तीस्ता ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी। तीस्ता के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को यह बताया है कि सबरंग ट्रस्ट पर हेराफेरी के आरोप है लेकिन गुजरात पुलिस ने अनुचित तौर से कार्रवाई करते हुये तीस्ता के निजी खातों के साथ ही उनके संगठन का भी बैंक खाता फ्रीज कर कर दिया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुये अब गुजरात सरकार को नोटिस जारी करते हुये दो सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिये कहा है।