'सुप्रीम कोर्ट' खुश हुआ, CBSE की परीक्षाएं रद्द करने पर सरकार से कही ये बात
'सुप्रीम कोर्ट' खुश हुआ, CBSE की परीक्षाएं रद्द करने पर सरकार से कही ये बात
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि उसे यह जानकार खुशी है कि सरकार ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं निरस्त करने का फैसला किया है और उसने CBSE तथा CISCE को अंकों के मूल्यांकन के लिए उद्देश्यपरक मानदंड दो सप्ताह के भीतर पेश करने का निर्देश दिया है। जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल और CISCE की ओर से पेश वकील जे के दास को दो सप्ताह के भीतर मानदंड पेश करने के लिए कहा है।

अदालत ने कहा कि, ''हम खुश हैं कि सरकार ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं निरस्त करने का फैसला लिया है, किन्तु हम चाहते हैं कि अंकों के मूल्यांकन के लिए सामान्य मानदंड हमारे सामने पेश किया जाए।'' अदालत ने स्पष्ट किया कि वह मानदंड पेश करने के लिए और समय नहीं देगी क्योंकि कई छात्र भारत और विदेश में कॉलेजों में दाखिले लेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अंकों के मूल्यांकन के लिए सामान्य मानदंडों पर गौर करेगा, ताकि किसी को भी कोई आपत्ति हो तो उसे सुलझाया जा सके।

अदालत ने कहा कि, ''याचिकाकर्ता द्वारा बोर्ड परीक्षाएं निरस्त करने की मांग के साथ ही यह भी उतना ही अहम है।'' बता दें कि सरकार ने मंगलवर को कोविड-19 महामारी को देखते हुए सीबीएसई की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया। पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों के हित में यह निर्णय लिया गया है।

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