नीति आयोग के अध्ययन का है वैज्ञानिक आधार- पनगढि़या
नीति आयोग के अध्ययन का है वैज्ञानिक आधार- पनगढि़या
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नई दिल्ली : सकल घरेलू उत्पाद को लेकर हाल ही में नीति आयोग द्वारा कुछ बातें कही गई थीं जिसे लेकर हर ओर आलोचना की जाने लगी लेकिन इन आलोचनाओं को अलग कर नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने इसे वैज्ञानिक प्रक्रिया पर निर्भर बताया है। उनका कहना है कि इससे आर्थिक गतिविधियों गति दी जा सकती है। मामले में कहा गया है कि इन सभी बातों का वैज्ञानिक आधार है और इन्हें हम नकार नहीं सकेंगे। मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री पनगढि़या ने कहा कि इस तरह की बातें हमारे आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है।

यह हमारी सोच से मिलता है। दूसरी ओर केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा राष्ट्रीय आय की नवीन श्रृंखला अपनाई जा सकती है तो दूसरी ओर वर्ष 2011 - 12 की कीमत को ही इसमें बेस बनाकर कार्य किया जा रहा है। इस मामले में जानकारी मिली है कि वर्ष 2013 और 2014 में सकल घरेलू उत्पादन की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत हो गई तो दूसरी ओर पहले यह 4.7 प्रतिशत थी। इससे यह बात साफ होती है कि सीएसओ के तहत वर्ष 2014 7 15 में आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत हो सकती है। हालांकि यह अपने पूर्व के अनुमान से .1 प्रतिशत ही कम है। मगर यह सकारात्मक है। मामले में कहा गया है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम आदि ने वैश्विक और घरेलू बाजार बाजार का अध्ययन कर इसकी शुद्धता पर संदेह जताया। 

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