सिंहस्थ-2016 के लिये राज्य सरकार ने खोले खजाने के द्वार
सिंहस्थ-2016 के लिये राज्य सरकार ने खोले खजाने के द्वार
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उज्जैन : सिंहस्थ-2016 के लिये राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर खजाने के द्वार खोल दिये हैं। गत सिंहस्थ-2004 में जहां 262 करोड़ रूपये का व्यय सिंहस्थ पर किया गया था और गिनेचुने स्थायी प्रकृति के काम हुए थे वहीं इस बार अनेक काम ऐसे हो रहे हैं जो नगर की दिशा और दशा बदल देंगे। कस्बानुमा उज्जैन शहर अब महानगर की तर्ज पर विकसित हो रहा है। जो लोग लम्बे समय बाद उज्जैन को देखेंगे, वे इसके परिवर्तित रूप से चकित हो जायेंगे। मेला अधिकारी अविनाश लवानिया के अनुसार सिंहस्थ-2016 के लिये 2342 करोड़ रूपये राज्य शासन द्वारा स्वीकृत किये गये हैं। इस राशि से 390 कार्य स्वीकृत हुए हैं।

सिंहस्थ के लिये निर्माण कार्य स्वीकृति की प्रक्रिया में संभागायुक्त डॉ पस्तोर की अध्यक्षता में संभागस्तरीय साधिकार समिति पहले निर्माण कार्यों की प्रारम्भिक स्वीकृति देती है। इसके बाद इन प्रस्तावों पर राज्य स्तरीय साधिकार समिति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अन्तिम रूप से प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करती है। 378 करोड़ की सड़कें मेट्रो सिटी का अहसास करवायेंगी, इस बार सिंहस्थ में केवल सड़कों पर निर्माण के लिये 378 करोड़ का व्यय किया जा रहा है। लगभग सौ नई सड़कें तैयार हो रही हैं, चार फोरलेन पूर्ण हो चुके हैं।

गत सिंहस्थ में लोक निर्माण विभाग का कुल बजट मात्र 51 करोड़ रूपये था। इस बार प्रमुख रूप से इंजीनियरिंग कॉलेज रोड, एमआर.10, एमआर.5 को फोरलेन में तब्दील किया जा चुका है। इस बार सिंहस्थ में 141 करोड़ की लागत के चार रेलवे ओवर ब्रिज तथा चार क्षिप्रा नदी पर ब्रिज बनाये जा रहे हैं। इससे आवागमन एवं क्षिप्रा नदी पर श्रध्दालुओं को इस पार से उस पार जाने में अधिक सुविधा होगी। उज्जैन शहर को स्थायी रूप से आठ संरचनाएं मिलने जा रही हैं जो इससे पहले कभी नहीं बनी। उल्लेखनीय है कि गत सिंहस्थ में क्षिप्रा नदी पर दो ब्रिज बने थे और एक मक्सी मार्ग पर ROB बना था। इस तरह इन संरचनाओं पर मात्र नौ करोड़ 73 लाख रूपये का व्यय हुआ था।

सिंहस्थ.2016 के लिये गऊघाट पर छह मिलीयन गैलन जलशोधन का प्लांट पाँच करोड़ 65 लाख रूपये की लागत से तैयार हो रहा है। यह जलशोधन प्लांट नर्मदा.क्षिप्रा लिंक से प्राप्त होने वाले पानी का शोधन कर पीने योग्य बनायेगा। वर्तमान में इस तरह के चार प्लांट पूर्व से ही कार्यरत् हैं। सिंहस्थ में इस प्लांट से 27 मिलीयन लीटर प्रतिदिन अतिरिक्त जल प्राप्त हो सकेगा। सिंहस्थ के लिये विकसित की जा रही इस सुविधा का लाभ आने वाले समय में उज्जैन की जनता को निरन्तर मिलता रहेगा।

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