भगवान दत्तात्रेय का जागृत स्थल गाणगापुर गाणगापुर। यह देश देवों की भूमि है। यहां कण - कण में ईश्वर का वास समाया हुआ है। इस बात का अनुभव तब और भी अधिक हो जाता है जब हम विभिन्न तीर्थों पर पहुंचते हैं। यहां लगभग हर 4 कदम पर कोई न कोई मंदिर प्रतिष्ठापित है। जो किसी दीव्य शक्ति का अहसास करवाता है। ऐसा ही एक स्थल है श्री क्षेत्र गाणगापुर। जी हां, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर देशभर में दत्त जयंती का उत्सव मनाया जाता है।
ऐसे में इस धार्मिक स्थल का महत्व और बढ़ जाता है। यहां पर भगवान दत्तात्रेय का जागृत क्षेत्र है। भगवान दत्तात्रेय जिनमें तीनों शक्तियां जिसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश समाई हुई हैं उनका जागृत स्थल गाणगापुर को माना जाता है। गुलबर्गा जिले में गाणगापुर में श्री दत्तात्रेय का यह स्थल है।
यहां भगवान दत्तात्रेय का यह स्थल महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद अहमदनगर हाईवे पर आता है। यहां पर भगवान दत्तात्रेय की एकमुखी मूर्ति, भगवान नृसिंह मंदिर आदि हैं। यहां पर आने वाले श्रद्धालु भगवान दत्त की पादुका का पूजन भी प्रमुख तौर पर करते हैं। मंदिर में हर समय दिंबरा दिगंबरा श्री पाद वल्लभ दिगंबरा के बोल गूंजते हैं। मान्यता है कि यहीं पर भगवान दत्तात्रेय ने अवतार लिया था। यहां आने वालों को भगवान दत्तात्रेय की जागृत अनुभूति यहां पर होती है।