स्पेसिफाइड वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाए बिना हो रहे निबंधन पर हाईकोर्ट ने सरकार से माँगा जवाब : झारखण्ड
स्पेसिफाइड वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाए बिना हो रहे निबंधन पर हाईकोर्ट ने सरकार से माँगा जवाब : झारखण्ड
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रांची: स्पेसिफाइडवाहनों में स्पीड गवर्नर लगाए बिना हो रहे निबंधन को गलत मानते हुए झारखंड हाईकोर्ट द्वारा नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट ने मामले पर सरकार से जवाब माँगा है. जवाब संतोषजनक नहीं होने पर वाहनों के निबंधन पर रोक लगा दी जाएगी. 

चीफ जस्टिस वीरेंद्र सिंह जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने इस संबंध में ब्रजकिशोर नारायण की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि समय सीमा बढ़ाने से संबंधित यदि कोई पत्र राज्य सरकार के प्राप्त हुआ है, तो इसकी कॉपी कोर्ट में प्रस्तुत करें.

याचिका में बताया गया था कि मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार केंद्र ने यह नियम बनाया है कि 10 अक्टूबर 2015 के बाद बने सभी वाहनों में स्पीड गवर्नर होना जरूरी है. इस नियम में दुपहिया वाहन, पुलिस वाहन, एंबुलेंस आदि को छूट दी गई है. केंद्र सरकार के नियम को अपनाते हुए राज्य सरकार ने भी 18 फरवरी 2016 को एक अधिसूचना जारी की है.

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