भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है 16 सोमवार का व्रत
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है 16 सोमवार का व्रत
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भगवान शिव जिन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। दरअसल वे बड़े भोले होते हैं। यूं तो भगवान शिव थोड़ी सी आराधना से ही प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन उनके भक्त उनके लिए कुछ विशेष पूजन भी करते हैं। ऐसे पूजन में सोमवार, श्रावण, चैत्र, प्रदोष, वैशाख और कार्तिक के ही साथ मार्गशीर्ष के व्रत और पर्व महत्वपूर्ण होते हैं। मगर कुछ व्रत ऐसे भी होते हैं जो श्रद्धालुओं द्वारा विशेष कामना के साथ किए जाते हैं।

भगवान शिव इन विशेष व्रतों और पूजनों के माध्यम से श्रद्धालुओं की मनोकामना को पूर्ण करते हैं। भगवान शिव का जलाभिषेक करने से भी भगवान प्रसन्न होते हैं। ऐसे ही व्रतों में भगवान का सोलह सोमवार व्रत भी होता है। इसके लिए 16 सोमवार तक लगातार उपवास किया जाता है।

भगवान शिव का दूध, दही, घी, शहर, चने की दाल, सरसों का तेल, काले तिल आदि विभिन्न सामग्रियों के माध्यम से पूजन करते हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठें। पूजन करें। भगवान का जल से अभिषेक पूजन करें। और भोजन में नमक न खाऐं। और किसी और के यहां भी भोजन न करें। 16 सोमवार के बाद उसका उद्यापन करें। इसके लिए विशेष प्रकार के लड्डू बनाकर 16 या इससे अधिक विवाहित जोड़ों को भोजन करवाऐं और चंद्र दर्शन के बाद ही सभी को भोजन करवाकर स्वयं भी उनके साथ या बाद में भोजन करें। 

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