वैसे तो होली और रंगपंचमी के दिन पूरा देश रंग और जश्न में डूबा हुआ रहता है और रंगीन हो जाता है सतरंगी रंगो में..लेकिन क्या आप ये जानते है कि, होली या फिर रंगपंचमी के दिन सिर्फ रंग से होली क्यों खेली जाती है और गुलाल ही क्यों लगाया जाता है. अगर नहीं तो आज हम आपको बताने जा रहे है कि, आखिर क्यों होली और रंगपंचमी के दिन रंग उड़ाते है.
ऐसा माना जाता है कि, गुलाल लगाना पिंड बीज के शिव को शक्ति तत्व का योग देने का प्रतीक है. इससे वायुमंडल में भ्रमण करने वाली चैतन्य तरंगें ग्रहण करने की क्षमता बढ़ती है. इसके अलावा गुलाल से पृथ्वी व आप तत्व की तरंगों के कारण देह की सात्विक तरंगों को ग्रहण करने में देह की क्षमता बढ़ती है. वैसे तो देखा जाये तो इसके और भी कई अलग अलग तरह के मतलब बताये गए है.
लेकिन ये सबसे ख़ास माना जाता है. हमेशा आपने देखा होगा कि इन दिनों में हर जगह रंगो का माहौल छाया रहता है. ऐसा कहा जाता है कि, होली और रंगपंचमी के दिन रंग उड़ाने से दिव्य तत्व आकर्षित होते हैं. कहा जाता है कि, जब रंगो के कण वायुमंडल में मिलते है तो विभिन्न देवताओं के तत्व आकर्षित होते हैं. गौरतलब है कि, इस दिन पुरे देशभर में रंग का माहौल रहता है और हर कोई रंग में डूबा रहता है.
ये भी पढ़े
मस्ती और होली के रंग में रंगी नजर आई दिव्यांका त्रिपाठी
होली: भारतीय ही नहीं इन विदेशी क्रिकेटर्स को भी खूब भांति है होली
पति-पत्नी के नग्न शवों की मिस्ट्री, हर कोई हैरान
बॉलीवुड और हॉलीवुड से जुडी चटपटी और मज़ेदार खबरे, फ़िल्मी स्टार की जिन्दगी से जुडी बातें, आपकी पसंदीदा सेलेब्रिटी की फ़ोटो, विडियो और खबरे पढ़े न्यूज़ ट्रैक पर