अब स्किल्ड फ्रीलांसर्स की बढ़ेगी डिमांड ,मिलेंगे नए-नए अवसर
अब स्किल्ड फ्रीलांसर्स की बढ़ेगी डिमांड ,मिलेंगे नए-नए अवसर
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आपको अपना करियर सुनिश्चित करने के लिए कदम बढ़ने ही होंगे .आज आप जिस भी क्षेत्र में कार्य करते है उसमें कर्तव्यनिष्ठ और एकाग्र होना वेहद ही जरूरी होता है.अब अपने फील्ड के एक्सपर्ट और अपडेटेड लोगों की भरपूर डिमांड रहेगी. स्किल्ड फ्रीलांसर्स के पास भी काम की कमी नहीं रहेगी. 
 
आज के इस युग में आपने भी देखा होगा की लोग अपनी पूरी ताकत कम्पनी में एक अछ्छी सैलरी पाने के लिए लगाते है . लेकिन हर किसी को मनचाही नौकरी मिलना संभव नहीं क्योंकि नौकरियां चाहे प्राइवेट हों या सरकारी, उनकी संख्या बेहद सीमित है.जबकि सेल्फ एंप्लॉयमेंट के लिए कोशिश करने वाले युवकों की संख्या बेहद कम है. सिर्फ दूरदर्शी और गहरी सोच वाले युवा ही जानते हैं कि आने वाले समय में जॉब की दुनिया में बड़े बदलावों का सामना करना पड़ेगा.

फ्रीलांसर्स की बढ़ेगी वैल्यू
भविष्य में फ्रीलांसिग बिजनेस और कॉरपोरेट जगत के लिए एक जरूरी चीज बन जाएगी. इससे इंडस्ट्री को काफी सहूलियतें मिलेंगी. कंपनियों को कुछ स्किल्स की फुल टाइम जरूरत भी नहीं होती है जैसे, छोटी कंपनियां अपनी वेबसाइट अपडेट या लोगो डिजाइन में बदलाव जल्दी जल्दी नहीं करतीं है .इसलिए इसके काम के लिए स्थायी सीनियर एग्जीक्यूटिव हायर करने की जरूरत ही नहीं है.ऐसे में जरूरत पड़ने पर स्वतंत्र रूप से ऐसा काम करने वालों की सेवाएं ली जाएंगी. इस तरह के लोग एक समय में कई कंपनियों के लिए काम कर पाएंगे.
 
इनकी होगी मांग
भविष्य में सोशल मीडिया का महत्व और भी बढ़ जाएगा.सेलिब्रिटीज के साथ सोशल मीडिया को मैनेज करने के लिए स्पेशलिस्ट पर्संस रहेंगे. यंग जनरेशन के मन की बात को अच्छी तरह समझने वाले प्रोफेशनल्स की मांग भी बढ़ेगी. साथ ही वर्चुअल आर्किटेक्ट, सोशल मीडिया पुलिस, हॉली-डे एक्सपर्ट, कंप्यूटर गेम कोच, लाइफ स्टाइल कंसल्टेंट, एल्डर केयर पर्संस आदि की अच्छी मांग रहेगी.इनके अलावा टेलीमेडिसिन, बायोटेक्नोलॉजी, एंटी पॉल्यूशन टेक्नोलॉजी, सस्टेनेबल एग्रीकल्चर , रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोफेशनल्स की भी डिमांड रहेगी.सोशल मीडिया मार्केटिंग, पीआर और कस्टमर सपोर्ट के एक्सपर्ट्स की काफी डिमांड होगी.
 
बेस्ट कंटेंट की डिमांड
आने वाले समय में सबसे ज्यादा बदलाव आईटी सेक्टर में ही आएगा.पारंपरिक रुटीन नौकरियां खत्म हो जाएंगी.कंटेंट को ज्यादा से ज्यादा उपयोगी बनाने पर सबसे जोर दिया जाएगा. ऐसे में टैलेंटेड फ्रीलांसर डिमांड में रहेंगे. पिछले वर्ष जनरल इलेक्ट्रिक ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया. कंपनी इसे इंडस्ट्रियल इंटरनेट कहती है। इंटरनेट की दुनिया में तेजी से डाटा क्रिएट हो रहा है.

 
शॉपिंग-हेल्थकेयर सेक्टर
रिटेल सेक्टर में मशीनों के कारण पहले ही कई नौकरियां खत्म हो चुकी हैं.आने वाले समय में मास कस्टमाइज्ड प्रोडक्ट्स में इजाफा होगा. वर्कफोर्स में 3डी तकनीक का इस्तेमाल बढ़ने लगेगा. इसका मतलब है कि आप कहीं से भी, किसी के लिए भी और कभी भी काम कर सकेंगे. इससे बिजनेस करने के तरीकों पर भी असर पड़ेगा. भारत समेत पूरे विश्व में शारीरिक और मानसिक समस्याओं में बढ़ोतरी के कारण स्पेशलाइज्ड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ेगी. रिटेल में आॅटोमेशन, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल बढ़ेगा.बिग डाटा के कारण रिटेल की व्हाइट कॉलर जॉब्स पर असर पड़ेगा.ई रिटेल ट्रेड के लिए लॉजिस्टिकल सपोर्ट, वेयरहाउस, सपोर्ट स्टाफ की डिमांड बढ़ेगी. साइबर लॉ में दक्ष लोगों की मांग भी बढ़ेगी.

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