देर तक बैठना हो सकता है खतरनाक, जानिए इसके दुष्प्रभावों से कैसे बचना है
देर तक बैठना हो सकता है खतरनाक, जानिए इसके दुष्प्रभावों से कैसे बचना है
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काम करते समय लंबे समय तक बैठे रहने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। बिना ब्रेक के लंबे समय तक बैठे रहने से रक्त परिसंचरण प्रभावित हो सकता है, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं, मोटापा और मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसे संभावित स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं। एक शोध के अनुसार, 8 घंटे या उससे अधिक समय तक लगातार बैठे रहने से मृत्यु दर का खतरा बढ़ जाता है।

लंबे समय तक बैठे रहने से जुड़े तीन स्वास्थ्य जोखिम यहां दिए गए हैं:
उच्च रक्तचाप का बढ़ा जोखिम:

स्क्रीन के सामने बिना किसी रुकावट के लंबे समय तक काम करने वाले व्यक्तियों को उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ सकता है। बिना ब्रेक के लगातार बैठने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे मधुमेह और हृदय रोगों की संभावना बढ़ जाती है।

रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या:
लंबे समय तक बैठे रहने से मुद्रा में बदलाव आ सकता है और गर्दन से कूल्हों तक की मांसपेशियों पर दबाव पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप पीठ दर्द और चलने-फिरने में कठिनाई हो सकती है। इन समस्याओं को कम करने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि और ब्रेक आवश्यक हैं।

लगातार वजन बढ़ना:
दिन में लगभग 8 से 9 घंटे तक बैठे रहने से वजन बढ़ता है, खासकर कमर के आसपास। पेट के पास जमा वसा विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जिसमें पैरों में दर्द और बाधित चयापचय का खतरा बढ़ जाता है।

मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों:
लंबे समय तक बैठे रहने से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे भूलने की बीमारी और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई। इसके अतिरिक्त, तनाव और चिंता का स्तर बढ़ सकता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ध्यान के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लेने और छोटे-छोटे अंतराल पर शारीरिक गतिविधि शामिल करने से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।

लंबे समय तक बैठे रहना निम्नलिखित स्वास्थ्य जोखिमों से जुड़ा है:
उच्च रक्तचाप का बढ़ा जोखिम:

जो लोग लंबे समय तक, बिना किसी रुकावट के बैठे रहते हैं, उनमें उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है। लगातार बैठे रहने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे मधुमेह और हृदय रोग विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।

रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या:
लंबे समय तक बैठने से मुद्रा में बदलाव आ सकता है, जिससे गर्दन से कूल्हों तक की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। इससे पीठ दर्द और चलने-फिरने में दिक्कत हो सकती है। इन समस्याओं को कम करने के लिए नियमित ब्रेक और शारीरिक गतिविधि महत्वपूर्ण हैं।

लगातार वजन बढ़ना:
दिन में लगभग 8 से 9 घंटे तक बैठे रहने से वजन बढ़ सकता है, खासकर कमर के आसपास। पेट के पास जमा वसा विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जिसमें पैरों में दर्द और बाधित चयापचय का खतरा बढ़ जाता है।

मानसिक स्वास्थ्य:
लंबे समय तक बैठे रहने से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे भूलने की बीमारी और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई। इसके अलावा, तनाव और चिंता का स्तर बढ़ने से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ध्यान के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लेने और शारीरिक गतिविधि के अंतराल को शामिल करने से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।

डेस्क जॉब वाले लोगों के लिए, इन जोखिमों से सावधान रहना और उन्हें कम करने के लिए सक्रिय उपाय करना महत्वपूर्ण है:
हर 30 मिनट में खड़े रहें: लगातार बैठे रहने से मुद्रा प्रभावित हो सकती है और थक्के जमने की समस्या हो सकती है। हर 30 मिनट में ब्रेक लेने से थक्के जमने से रोकने में मदद मिलती है और शारीरिक परेशानी की संभावना कम हो जाती है।
छोटी दूरी तक पैदल चलें: छोटी दूरी के लिए वाहनों पर निर्भर रहने के बजाय, पैरों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और सूजन को कम करने के लिए पैदल चलने पर विचार करें। दिन में दो बार टहलने से भी अतिरिक्त कैलोरी बर्न हो सकती है।
दिन की शुरुआत कसरत से करें: कम और उच्च तीव्रता वाले व्यायामों सहित सुबह की संक्षिप्त कसरत को शामिल करने से आप पूरे दिन तरोताजा महसूस कर सकते हैं। ध्यान और योग भी शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के कल्याण में योगदान दे सकते हैं।
कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ चुनें: तले हुए और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के बजाय ताजे फल और सब्जियों का विकल्प चुनें। कम कार्ब्स और उच्च प्रोटीन से भरपूर आहार वजन बनाए रखने और निरंतर ऊर्जा प्रदान करने में मदद कर सकता है।
स्टैंडिंग डेस्क पर विचार करें: लंबे समय तक बैठने के घंटों को कम करने में स्टैंडिंग डेस्क फायदेमंद हो सकते हैं। पूरे दिन बारी-बारी से बैठने और खड़े रहने से सक्रिय और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा मिलता है।

अंत में, लंबे समय तक बैठे रहने से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूक होना और उनका मुकाबला करने के लिए सक्रिय कदम उठाना आवश्यक है। नियमित ब्रेक, शारीरिक गतिविधि और स्वस्थ आहार को शामिल करने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से समग्र कल्याण में योगदान मिल सकता है।

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