नई दिल्ली: कश्मीर घाटी में 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों और सिखों पर हुए जुल्म के खिलाफ जांच के लिए SIT के गठन की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है. "वी द सिटीजन" NGO ने शीर्ष अदालत में यह याचिका दाखिल की है. याचिका में विस्थापितों के पुनर्वास की मांग की गई है.
कश्मीरी पंडितों ने 24 मार्च को 1989-90 के नरसंहार की जांच के लिए के एक बार फिर देश की सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की गुहार लगाई है. कश्मीरी पंडितों की संस्था ‘रूट्स इन कश्मीर’ ने शीर्ष अदालत में क्यूरेटिव याचिका दायर करते हुए मामले की फिर से जांच करने की मांग की है. बता दें कि शीर्ष अदालत ने 2017 में अपने आदेश में यह कहते हुए रिव्यू याचिका खारिज की थी कि नरसंहार के 27 वर्षों बाद सबूत जुटाना मुश्किल है. मगर, अब कोर्ट में दाखिल नई याचिका में कहा गया है कि यदि 33 वर्षों के बाद 1984 के दंगों (सिख दंगों) की जांच करवाई जा सकती है, तो ऐसा ही कश्मीरी हिन्दुओं के मामले में भी संभव है.
वहीं, CRPF के डीजी कुलदीप सिंह ने 17 मार्च को एक प्रेस वार्ता में कहा था कि कश्मीरी पंडितों के घरों पर CRPF के कई शिविर चल रहे हैं. मेरे ख्याल से विजिटर्स के आने के लिए माहौल अनुकूल है, मगर जहां तक कश्मीरी पंडितों का सवाल है, उन्हें खुद तय करने की जरूरत है.
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