उज्जैन : केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महापर्व के दौरान न तो रेल गाडि़यों की ही कमी आने दी जाएगी और न ही किसी तरह से यात्रियों को परेशानी होगी। रेलवे द्वारा सिंहस्थ को लेकर जितनी भी योजनाएं बनाई गई हैं उन सभी को समय के पहले अमली जामा पहना दिया जाएगा। केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री श्री सिन्हा ने यह बात गुरूवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने बताया कि सिंहस्थ को लेकर रेलवे मंत्रालय ने विभिन्न योजनाओं को बनाया हैं और उन्हें हर हाल में पूरा कर दिया जाएगा। एक प्रश्न के उत्तर में रेल राज्य मंत्री श्री सिन्हा का कहना था कि सिंहस्थ को लेकर केन्द्र सरकार भी गंभीर है और सरकार ने अपनी ओर से प्रदेश की सरकार को हर तरह से मदद करने का आश्वासन तो दिया ही हैं वहीं आर्थिक तौर से भी मदद की गई है।
श्री सिन्हा ने दावा किया कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने सिंहस्थ को गंभीरता से नहीं लिया था लेकिन जब से केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार सत्तासीन हुई है तभी से उनके द्वारा सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर न केवल शिवराज सिंह चौहान सरकार से फीडबेक लिया जा रहा है वहीं प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सिंहस्थ आयोजन में आने के लिए भी स्वीकृति दे दी है। उन्होंने बताया कि सिंहस्थ के अवसर पर विशेष रेल गाडि़यों का संचालन किया जाएगा और इसके लिए प्लानिंग को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
पत्रकारों ने श्री सिन्हा से फतेहाबाद-उज्जैन मीटरगेज परिवर्तन के बारे में पूछा तो उन्होंने यही कहा कि फिलहाल इस योजना के बारे में वे नहीं बता सकते क्योकि इस पर कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है, सब कुछ अनुकूल होने के बाद ही वे इस मामले में चर्चा कर सकेंगे। उज्जैन होकर गुजरेगी इंदौर-अमृतसर रेल- संसद डाॅ. चिंतामणि मालवीय के निवास पर सिख समाज के प्रतिनिधि मंडल ने रेल राज्य मंत्री श्री सिन्हा से भेंट की। इस दौरान श्री सिन्हा ने इंदौर अमृतसर रेल को उज्जैन लाने की भी घोषणा की।
इसके अलावा इंदौर उदयपुर के बीच चलने वाली रेल गाड़ी को ओवरनाइट करने का अश्वासन उन्होंने दिया। गौरतलब है कि इंदौर से अमृतसर के बीच चलने वाली रेल अभी देवास मक्सी होते हुए गुजरती है लेकिन अब घोषणा के बाद यह रेल उज्जैन से होकर चलेगी और इससे उज्जैन के यात्रियों को भी लाभ मिल सकेगा। सिख समाज द्वारा पिछले लंबे समय से इस रेल को उज्जैन से चलाने की मांग की जा रही थी और इसके लिए सांसद डाॅ. चिंतामणि मालवीय ने भी प्रयास किए थे।