श्री महाबलि की आराधना का पर्व श्री हनुमान जयंती
श्री महाबलि की आराधना का पर्व श्री हनुमान जयंती
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चैत्रमास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को श्री हनुमान जयंती का पर्व भी मनाया जाता है। हालांकि एक हनुमान जयंती का पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी पर भी आता है मगर चैत्र मास की इस तिथि को मनाए जाने का भी बड़ा महत्व है। इस दिन श्रद्धालु सुबह सवेरे जल्दी उठकर स्नान और पूजन अर्चन करते हैं इसके बाद हनुमान मंदिरों में पूजन किया जाता है। श्री महाबलि हनुमान जी को चोला चढ़ाया जाता है।

महाबलि श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनके श्रद्धालु व्रत करते हैं और उनके मंदिरों में घी और तेल का दिया लगाते हैं। महाबलि श्री हनुमान को प्रसन्न करने का यह दिन इस बार 21 अप्रैल और 22 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन के लिए श्री हनुमान मंदिरों में तैयारियां कर ली गई हैं। 

चूंकि 21 अप्रैल को श्री हनुमान जयंती के दिन दो तिथियां आ रही हैं जबकि 22 अप्रैल को चतुर्दशी और पूर्णिमा का योग है। ऐसे में यह पर्व अलग - अलग स्थानों पर दो दिन मनाया जाएगा। श्री महाबलि हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सुंदरकांड का पाठ होगा तो कहीं - कहीं पर अखंड रामायण पाठ भी होगा। श्री हनुमान जी की आराधना रात्रि जागरण कर भी की जाएगी। श्री महाबलि हनुमान की भक्ति में श्रद्धालु हनुमान चालिसा पढ़ेंगे तो दूसरी ओर महाबलि श्री हनुमान की भक्ति में श्रद्धालु भंडारे में प्रसादी वितरित करेंगे। श्रद्धालुओं द्वारा बड़े पैमाने पर प्रसादी वितरण की तैयारी की जा रही है। मान्यता है कि इस दिन श्री हनुमान जी का स्मरण और पूजन करने से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है। 

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