श्री हनुमान बाहुक से मिल जाती है रोगों से निजात
श्री हनुमान बाहुक से मिल जाती है रोगों से निजात
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श्री हनुमान जी की आराधना के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन बहुत श्रेष्ठ माना जाता है। श्री हनुमान जी मंगलदोष से पीडि़त व्यक्ति के लिए और शनि पीड़ा भोग रहे जातक के लिए संकट मोचन  बनकर रहते हैं। भगवान श्री हनुमान जी अष्टचिरंजीवी में से एक माने गए हैं जिनका निवास गंदमार्दन पर्वत पर माना जाता है। श्री हनुमान जी की आराधना के लिए शनिवार का दिन भी उत्तम रहता है। भगवान श्री हनुमान अष्टसिद्धियों के दाता और नवनिधि के प्रदाता हैं। भगवान निर्बल को बल देते हैं तो रोगी का रोग समाप्त कर देते हैं।

भगवान श्री हनुमान वायुवेग से उड़ने वाले और अतुलित बल रखने वाले हैं। उनकी आराधना से कई कष्ट दूर हो जाते हैं। यदि किसी को गठिया, सिरदर्द, कंठ के रोग आदि हों तो भगवान श्री हनुमान जी का श्री हनुमान बाहुक पढ़ें। भगवान की आराधना करने से ये रोक नष्ट हो जाते हैं। इसके लिए पाठ करनते समय जल का एक पात्र भरकर श्री हनुमान जी के सामने रखें और श्री हनुमान बाहुक का पाठ 26 दिनों या फिर 21 दिनों तक करें। लाभ जरूर होगा।

भगवान श्री हनुमान जी को गुड़ और चने का भोग भी मंगलवार और शनिवार को लगाया जाना बेहद शुभ फलदायी होता है। इस संबंध में योग्य ज्योतिषी और पुजारी से सलाह लेना भी उचित होता है। भूत - प्रेत आदि सभी बाधाओं से जो लोग डरते हैं, उन्हें भी इसका पाठ बेहद लाभ पहुंचाता है। इस दौरान हं हनुमते नमः का मंत्र जाप करने से लाभ होता है. रात्रि में नींद आने से पूर्व इस मंत्र का जाप करें। हाथ मुंह, कान धोकर विश्राम लें और पूर्व की ओर मुख कर सकें तो और बेहतर है। इसका 108 बार जाप उचित होता है। 

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