श्री गिरजात्मज गणेश करते हे सब कष्ट दूर
श्री गिरजात्मज गणेश करते हे सब कष्ट दूर
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अष्टविनायक श्री गणेश जी के 8 अतिप्राचीन स्वरूप। ये ऐसे मंदिर हैं जहां भगवान श्री गणेश साक्षात् श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं। ये ऐसे स्वरूप हैं जो अतिप्राचीन स्थलों पर विराजमान हैं। वर्षों से ये स्थल लोगों की आस्था के केंद्र बने हुए हैं लोग यहां आकर अपनी मन्नतें मांगते हैं और उनकी मनोकामनाऐं पूर्ण होती हैं। इन मंदिरों में प्रमुखरूप से श्री मयूरेश्वर पुणे, श्री सिद्धिविनायक पुणे के समीप, श्री बल्लालेश्वर पाली में, श्री वरदविनायक मंदिर रायगढ़ जिले में, चिंतामणि गणपति पुणे में श्री गिरजात्मज गणपति जी पुणे में विघ्नेश्वर गणपति पुणे के ओझर में प्रतिष्ठापित हैं।

इन मंदिरों में भगवान गिरजात्मज गणेश जी बड़े ही अद्भुत हैं। पुणे - नाासिक राजमार्ग पर पुणे के करीब 90 किलोमीटर दूरी पर यह मंदिर प्रतिष्ठापित हैं यह मंदिर माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश का है। माता पार्वती को गिरिजा भी कहा जाता है। यह मंदिर एक पहाड़ी पर प्रतिष्ठापित है। बौद्ध गुफाओं के स्थान पर मंदिर का निर्माण किया गया है।

यह मंदिर लेण्याद्री पर्वत पर है। मंदिर बड़ा ऐतिहासिक और धार्मिक है। यहां बौद्ध धर्म का प्रभाव भी नज़र आता है। मंदिर  के समीप 18 बौद्ध गुफाऐं हें। इन गुफाओं में से एक गुफा में गिरिजात्मज विनायक प्रतिष्ठापित हैं। मंदिर में चतुर्थी, बुधवार, विनायक चुर्थी, मोदी चतुर्थी, तिलकुंद चतुर्थी, श्री गणेश चतुर्थी पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। गणपति बप्पा को यहां पर आकर्षक रूप से श्रृंगारित किया जाता है। बप्पा मोदक, दुर्वा और भोग चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं। दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं के पाप नष्ट हो जाते हैं। 

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