वैशाख में शिव को ठंडक के लिए बांधे गलन्तिका
वैशाख में शिव को ठंडक के लिए बांधे गलन्तिका
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वैशाख मास की शुरूआत हो चुकी है और इस माह के दौरान भगवान शिव को ठंडक देने के लिए न केवल गलन्तिका बांधने का विधान है तो वहीं जलाभिषेक करने से भी शिव की प्रसन्नता जल्द ही प्राप्त होती है। वैशाख कृष्ण पक्ष प्रतिपदा के दिन से शिवालयों में गलन्तिका बांधी गई है।

उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में जहां ग्यारह मटकियों से अब आगामी दो माह तक सतत जल धारा प्रवाहित होगी तो वहीं अन्य प्रमुख शिवालयों में भी गलन्तिका बांधकर जलधारा को प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हो गया है। ज्योतिषियों के अनुसार वैशाख मास में शिव को ठंडक देने के लिए गलन्तिका बांधना ही चाहिए, ताकि भगवान शिव अपने भक्त पर प्रसन्न होकर मनोकामना पूरी कर दें।

घर में यदि शिव मंदिर हो तो भी गलन्तिका बांधी जा सकती है। इस बात पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए कि गलन्तिका में पानी हमेशा भरा रहे और पानी भी शुद्ध ही हो। मटकी यदि बांधे तो छिद्र छोटा ही रखे, ताकि बूंद-बूंद पानी शिवलिंग पर प्रवाहित होता रहे।

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