श्रावण मास को बेहद पवित्र माना जाता है। यह वह मास है जिसमें शिव जी आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु पूर्ण मनोभाव और श्रद्धाभाव से भगवान के सामने हाथ भी जोड़ दे तो उसकी मनोकामनाऐं पूर्ण हो जाती हैं। यूं तो श्रावण मास भगवान शिव की आराधना का पर्व है जो कि साधना, कला के देव हैं। मगर उनकी कृपा से आप धन अर्थात् लक्ष्मी भी प्राप्त कर सकते हैं।
श्रावण मास में बिल्व पेड़ और सफेद आॅक को जोड़े से लगाने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। दरअसल अलग-अलग बिल्व पत्र शिव जी को चढ़ाने का अलग-अलग विधान है। शिवजी को अलग-अलग बिल्व पत्र चढ़ाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। श्रावण में बिल्व रोपने से वंश की वृद्धि होती है। इसे काटने से वंश नहीं बढ़ता। माना जाता है कि शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाने से पापों का नाश होता है।
माना जाता है कि जिसकी शवयात्रा बिल्व के नीचे से निकल जाए उसे यूं ही मोक्ष मिल जाता है। बिल्व पर जल चढ़ाने से पितृओं की तृप्ति होती है। यदि श्री सुक्त के पाठ का प्रारंभ श्रावण मास में किया जाए और फिर इसे एक वर्ष तक जारी रखा जाए और यह बिल्व के नीचे किया जाए तो धन, संपदा और लक्ष्मी की प्राप्ति होगी।