मुंबई : शिवसेना को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा मोदी सरकार के लिए 'सूट बूट की सरकार' का जुमला इस्तेमाल करना पसंद नहीं आया है, शिवसेना ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया की है, शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में संपादकीय लेख में लिखा गया है- "अगर कांग्रेस को लगता है कि देश के उद्योगपति, कॉरपोरेट क्षेत्र के लोग सूट-बूट का त्याग कर कफनी और लंगोट में घूमें तो सबसे पहले राहुल गांधी, अहमद पटेल और मनमोहन वगैरह मंडली कल से लंगोट की गांठ मारकर इंडिया गेट के सामने आएं और आदर्श प्रस्तुत करें. अर्थात राहुल क्या और उनके सुर में सुर मिलानेवाले उनके चेले क्या?''
शिवसेना के मुखपत्र में शिवसेना ने आगे हमला करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस चाहती है तो बीजेपी से जुड़ी संघ जैसी संस्थाओं को देश के बजट से कुछ पैसा लेकर इनके नेताओं के लिए लंगोट खरीदने चाहिए और तोहफ़े में दे देने चाहिएं, संपादकीय मे ये भी लिखा गया है कि राहुल गांधी ने बोलना भले ही शुरू कर दिया है फिर भी नरेन्द्र मोदी की तेज लहर के सामने टिक नही पायेंगे। हालांकि 'सामना' ने ये स्वीकार किया है कि राहुल गांधी की इस नई आक्रामक शुरुआत ने देश की धुंधली पड़ रही राजनीति में दिलचस्पी जरूर पैदा की है, शनिवार को एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'सूट-बूट' की सरकार संबंधी राहुल मोदी के जुमले पर पहली बार चुप्पी तोड़ी थी। उन्होंने कहा था कि 'सूट बूट की सरकार', 'सूटकेस की सरकार' से बेहतर है।