भगवान शनि देव जिन्हें देवताओं में न्याय के अधिपति कहा जाता है। वे सभी के कर्मों का हिसाब रखते हैं। यही नहीं भगवान शनि की दशा से व्यक्ति सफलता भी प्राप्त करता है और दूसरी ओर कई बार उसे कष्ट भी सहन करने पड़ते हैं। भगवान शनि देव को प्रसन्न करने के कई उपाय हैं जिनके माध्यम से हम शनि देव की महादशा की पीड़ा से बच सकते हैं। वैसे तो ज्योतिषीय मान्यता है कि शनि देव की साढ़े साती और ढैया का प्रभाव जातक पर शुभ और अशुभ रूप से पड़ता है लेकिन भगवान के मंदिर में तेल चढ़ाने, काले तिल, काले वस्त्र अर्पित करने से हम शनि पीड़ा से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
देशभर में शनिदेव के कुछ मंदिर हैं। जहां दर्शनमात्र से पापों से मुक्ति मिल जाती है। ऐसे ही मंदिरों में एक मंदिर है। मध्यप्रदेश के उज्जैन का नवग्रह शनि मंदिर। जी हां, नवग्रह शनि मंदिर मान्यता है कि यहां पूजन और दर्शन करने से समस्त पीड़ाओं से मुक्ति मिल जाती है। दूसरी ओर यहां पर भगवान को तेल अर्पित करने से समस्त कष्टों का निवारण होता है। यही शनि देव के साथ यहां नवग्रह के दर्शनों का लाभ भी मिलता है। ये सभी ग्रह मंदिर परिक्रमा मार्ग में हैं।