भारत की सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई और जुलाई में यह 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई. एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार मांग में मजबूती के मददेनजर नए आर्डर में बढ़ौतरी हुई. सेवा कम्पनियों का गतिविधि सूचकांक जुलाई में बढ़कर 51.9 पर पहुंच गया जो जून में 50.3 के स्तर पर था.
बता दें कि निक्केई इंडिया जो सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक को मासिक आधार पर सेवा कम्पनियों की गतिविधियों में बदलाव का आकलन करता है, के अनुसार जुलाई में बढ़कर 51.9 पर पहुंच गया जो जून में 50.3 के स्तर पर था.
इस बारे में सर्वेक्षण का आकलन करने वाली संस्था मार्केट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा, ‘‘भारतीय सेवा क्षेत्र गतिविधियों की दूसरी छमाही की शुरूआत ठोस आधार पर हुई’’ विनिर्माण उत्पादन में वृद्धि के बीच मौसमी आधार पर समायोजित निक्केई इंडिया मिश्रित पीएमआई उत्पादन सूचकांक भी 3 महीने के उच्चतम स्तर 52 पर पहुंच गया, जो जून में 51.1 पर था.
स्मरण रहे कि सूचकांक का 50 से उपर रहना वृद्धि जबकि इससे नीचे रहना संकुचन का संकेतक है. लीमा ने कहा कि सर्वेक्षण के दीर्घकालिक रुझान के मुकाबले वृद्धि औसत से कम रही हालांकि वृद्धि लगातार 13वें महीने बरकरार रही लेकिन यह क्षेत्र रोजगार सृजन में नाकाम रहा. निजी क्षेत्र में ढाई साल से अधिक समय अर्थपूर्ण रोजगार सृजन नहीं हुआ है. मुद्रास्फीति के संबंध में लीमा ने कहा, ‘‘सेवा प्रदाताओं ने मूल्य के दबाव में गिरावट का संकेत दिया है जबकि उत्पादन शुल्क लागत में कटौती के अनुपात में घटाया जा रहा है.’