नई दिल्ली : गुजरात उच्च न्यायालय ने 8 अगस्त को आरक्षण देने वाले अध्यादेश को रद्द कर दिया था। मगर इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि 8 अगस्त से पहले के दाखिले रद्द नहीं होंगे। इस मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी। उल्लेखनीय है कि गुजरात सरकार ने मई माह में अध्यादेश जारी कर गरीब सवर्णों हेतु 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी। यह घोषणा गुजरात राज्य में हुए पटेल आरक्षण आंदोलन को लेकर की गई थी।
दरअसल गुजरात ईसीबी को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के मसले में संविधान पीठ में सुनवाई के लिए मामला भेज दिया गया। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि 8 अगस्त से पहले के दाखिलों को रद्द नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि गुजरात उच्च न्यायालय ने 8 अगस्त को आरक्षण देने वाले अध्यादेश को रद्द कर दिया था। इस मामले की सुनवाई 4 सप्ताह बाद किए जाने का निर्णय भी संविधान पीठ ने लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार गुजरात उच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार के 10 प्रतिशत आरक्षण को रद्द कर दिया था। यहाँ राज्य में सर्वोच्च न्यायालय के 50 प्रतिशत आरक्षण के निर्णय को दरकिनार किया गया था।