SC के निर्देश, लोढ़ा समिति की सभी सिफारिशों को लागू करे BCCI
SC के निर्देश, लोढ़ा समिति की सभी सिफारिशों को लागू करे BCCI
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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को संरचनात्मक सुधार एवं प्रशासनिक इकाई के संबंध में लोढ़ा समिति की सभी सिफारिशें लागू करने के निर्देश दिए हैं. न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति फकीर मोहम्मद इब्राहिम कलिफुल्ला की पीठ ने BCCI से कहा न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा की समिति ने बहुत ही व्यावहारिक तर्कसंगत समाधान सुझाए हैं. आप वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए इन सिफारिशों के अनुसार कार्य करें.

कोर्ट ने BCCI की ओर से उपस्थित वरिष्ठ वकील शेखर नाफाडे को लोढ़ा समिति की रिपोर्ट का महत्व बताते हुए कहा, इस रिपोर्ट को भरपूर सम्मान दिया जाना चाहिए, क्योंकि इसे कानून जगत के बेहद योग्य एवं ईमानदार सदस्य ने तैयार किया है. नाफाडे ने अदालत को लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने में BCCI के सामने आ रही परेशानियां बताने की कोशिश कीं तो कोर्ट ने कहा, इन सिफारिशों के अनुसार कार्य करने में ऊंचे पदों पर बैठे लोग प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन किसी भी तरह के संक्रमण में समस्याएं होती ही हैं.

नाफाडे ने कोर्ट को बताया कि BCCI तमिलनाडु में एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत है और अपने नियमों से बंधी हुई है. उन्होंने कहा, रिपोर्ट में व्यापक परिवर्तन की बात भी कही गई है. हमारा रुख रिपोर्ट के विरुद्ध नहीं है. इसमें तकनीकी और कानूनी परेशानियां आ रही हैं. BCCI की विधिक समिति रिपोर्ट में की गई सिफारिशों पर निर्णय लेगी, जिस पर विचार करने के बाद BCCI कोई अंतिम निर्णय लेगा. 

लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने पर BCCI के मौजूदा रुख पर स्पष्ट विरोध जाहिर करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह सिफारिशों पर BCCI की सुविधाजनक व्याख्या को स्वीकार नहीं करेगी.

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा, हम इन सिफारिशों को स्वीकार करते हैं और लोढ़ा समिति को BCCI को अपनी सिफारिशें लागू करने में मदद करने के लिए दबाव बनाने और पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए कहेंगे.

न्यायमूर्ति ठाकुर ने स्पष्ट तौर पर कहा कि BCCI में संरचनात्मक सुधार के लिए दी गई सिफारिशों को लेकर कोई आनाकानी नहीं होनी चाहिए.

नाफाडे ने अदालत को बताया कि बोर्ड की विधिक समिति सिफारिशों का अध्ययन एवं जांच करने के लिए बैठकें कर रही है, जिसके बाद बोर्ड इस मामले पर विचार करेगा. नाफाडे ने BCCI की ओर से अदालत को जवाब देने के लिए समय की मांग भी की.

इस बीच क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (CAB) की ओर से अदालत में मौजूद वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों का सारांश पढ़कर सुनाया और अदालत को बताया कि बिहार और पूर्वोत्तर के 6 राज्यों को BCCI में प्रतिनिधित्व ही नहीं मिला है. वहीँ दूसरी ओर महाराष्ट्र और गुजरात से कई प्रतिनिधि BCCI में हैं.

गौरतलब है कि लोढ़ा समिति ने अपनी रिपोर्ट में देश में क्रिकेट प्रशासन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक सुधारों की सिफारिश की है, जिसमें बोर्ड अधिकारियों के कार्यकाल घटाने और BCCI तथा IPL के लिए अलग-अलगप्रशासनिक इकाइयां बनाने जैसी कई सिफारिशें शामिल हैं. लोढ़ा समिति ने BCCI को सूचना के अधिकार के तहत लाने और क्रिकेट में सट्टेबाजी को वैधता दिए जाने की सिफारिश भी की है.अब इस मामने पर अगली सुनवाई 3 मार्च को होगी .

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