वर्ष 2021 की आखिरी संकष्टी चतुर्थी 22 दिसंबर दिन बुधवार को मनाई जाएगी. इस दिन सभी देवी-देवतों में प्रथम पूजनीय गणेश जी की आराधना की जाती है. ये चतुर्थी बुधवार के दिन पड़ रही है, जिसके कारण इसकी अहमियत और भी बढ़ गई है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है, इसलिए जो भी लोग इस दिन सच्चे मन से गणेश जी की विधि विधान से उपासना करेगा, गणेश जी उसकी सभी दिक्कतें हर लेंगे. आइए बताते हैं संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और मंत्र के बारे में...
संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त:-
चतुर्थी तिथि- 22 दिसंबर 2021, बुधवार
पूजा मुहूर्त- रात्रि 08 बजकर 15 मिनट से, रात्रि 09 बजकर 15 मिनट तक (अमृत काल)
चंद्र दर्शन मुहूर्त- रात्रि 08 बजकर 30 मिनट से, रात्रि 09 बजकर 30 मिनट तक
इस मंत्र का करें जाप:-
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
इसके साथ ही जरुरी है कि आप प्रसाद का भी ध्यान रखे, देवी-देवताओं को उनकी रुचि के मुताबिक, प्रसाद चढ़ाने वे जल्द ही खुश होते हैं तथा अपनी कृपा बरसाते हैं।
प्रभु श्री गणेश का प्रिय भोग:-
प्रभु श्री गणेश जी की पूजा में उनका सबसे प्रिय प्रसाद मोदक या लड्डू अवश्य चढ़ाना चाहिए।
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