आज इस मुहूर्त में करें गणेश पूजन और जरूर सुने यह कथा
आज इस मुहूर्त में करें गणेश पूजन और जरूर सुने यह कथा
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आप जानते ही होंगे हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष को पड़ने वाली चतुर्थी को ही संकष्टी चतुर्थी मानते हैं और इस साल यह चतुर्थी 15 नवंबर को है. जी दरअसल यह खास दिन बप्पा यानी भगवान गणेश का माना आजाता है और इस दिन गणपति की विशेष पूजा कर मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद माँगा जाता है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं संकष्टी चतुर्थी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, मंत्र,संकष्टी चतुर्थी की कथा आइए जानते हैं.

संकष्टी चतुर्थी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- संकष्टी के दिन चन्द्रोदय -07:48 (शाम) चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 15 नवंबर को 07:46 (शाम) चतुर्थी तिथि समाप्त – 16 नवंबर को 07:15 (शाम)

संकष्टी चतुर्थी की कथा : राजा हरिश्चंद्र के राज्य में एक कुम्हार था. वह मिट्टी के बर्तन बनाता, लेकिन वे कच्चे रह जाते थे. एक पुजारी की सलाह पर उसने इस समस्या को दूर करने के लिए एक छोटे बालक को मिट्टी के बर्तनों के साथ आंवा में डाल दिया. उस दिन संकष्टी चतुर्थी का दिन था. उस बच्चे की मां अपने बेटे के लिए परेशान थी. उसने गणेश जी से बेटे की कुशलता की प्रार्थना की. दूसरे दिन जब कुम्हार ने सुबह उठकर देखा तो आंवा में उसके बर्तन तो पक गए थे, लेकिन बच्चो का बाल बांका भी नहीं हुआ था. वह डर गया और राजा के दरबार में जाकर सारी घटना बताई. इसके बाद राजा ने उस बच्चे और उसकी मां को बुलवाया तो मां ने सभी तरह के विघ्न को दूर करने वाले संकष्टी चतुर्थी का वर्णन किया. इस घटना के बाद से महिलाएं संतान और परिवार के सौभाग्य के लिए सकट चौथ का व्रत करने लगीं.

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