Jan 29 2016 02:39 PM
नई दिल्ली : इस बार महंथों ने शंकराचार्य बाबा का दामन छोड़ते हुए उनके शनि मंदिर पर किए बयान का साथ नही दिया है बल्कि संत उनका ही विरोध कर रहे है। शंकराचार्य ने कहा था कि शनि भगवान नही है, इस पर हरिद्वार के संतों ने शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। विरोध कर रहे संतों का कहना है कि शनि देवता है और उनकी पूजा होनी चाहिए।
बता दें कि शनि के भगवान होने पर शंकराचार्य ने कहा है कि शनि भगवान नहीं बल्कि इन्हें दूर भगाने का उपाय होता है- इनको बुलाने के लिए पूजा नहीं होती। न जाने क्यों महिलाएं शनि पूजा करना चाहती हैं। इससे उनका कोई भला नहीं होने वाला है। इस बयान के बाद साध्वी प्राची, महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद और जूना अखाड़ा के धीरेंद्र पुरी विरोध कर रहे है।
शनि शिंगणापुर में महिलाओं के पूजा करने पर शंकराचार्य ने कहा कि ये धार्मिक मामला है- हर जगह महिलाओं को राजनीतिक आजादी की बात नहीं करनी चाहिए। महिलाओं को सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक आजादी मिल चुकी है, कई राज्यों में महिलाएं मुख्यमंत्री बन चुकी हैं।
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