संथारा से त्यागी देह, जैन साध्वी का 82 वर्ष की उम्र में निर्वाण
संथारा से त्यागी देह, जैन साध्वी का 82 वर्ष की उम्र में निर्वाण
Share:

बीकानेर : एक ओर जहां संथारा के मामले में न्यायालयों द्वारा अपना फैसला दिया गया वहीं दूसरी ओर राजस्थान की एक जैन साध्वी ने संथारा के माध्यम से अपने देह का त्याग किया। करीब 50 दिनों तक संथारा करने के बाद परमपूज्य साध्वी का निर्वाण हुआ। मिली जानकारी के अनुसार 82 वर्षीय साध्वी बदनी देवी ने अपने पिता की बरसी से ही संथारा ले लिया था। संथारा लेने के दो से तीन दिन तक तो उनकी तबियत काफी दुरूस्त ही रही मगर बाद में उनकी हालत बिगड़ गई। वे उबला हुआ पानी ही लेती रहीं। आखिरकार उनका निर्वाण हो गया।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने संथारा को आत्महत्या की तरह ही बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद जैन समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा इस निर्णय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश देते हुए इसे गलत बताने वाले आदेश पर रोक लगा दी। उल्लेखनीय है कि जैन संत और साध्वियों द्वारा  संथारा के माध्यम से ही अपनी देह त्यागी जाती है। जैन समुदाय में इसे परंपरा के तौर पर माना जाता है। 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -