Oct 14 2015 01:49 PM
नई दिल्ली : कानून मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि देश की अखंडता के लिए समान नागरिक संहिता जरूरी है, लेकिन बिना आम सहमति के इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता. उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना और आर्टिकल 44 में भी कहा गया है कि समान नागरिक संहिता होनी चाहिए. देश की अखंडता के लिए आम नागरिक संहिता की जरूरत है, लेकिन यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इस पर विस्तार से चर्चा होना बहुत जरूरी है.
समान नागरिक संहिता लागू करने की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि, इस तरह के निर्णय 1-2 दिन में नहीं लिए जा सकते. इसमें समय लगेगा. केरल और कर्नाटक के उच्च न्यायालयों ने भी इसकी जरूरत जताई है.
सरकार बनने के बाद भी इस मुद्दे पर आगे न बढ़ने के सवाल पर कानून मंत्री ने कहाकि यह मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है इसलिए इस पर आगे नहीं बढा जा सकता. राम मंदिर और जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बारे में पूछे जाने पर गौड़ा ने कहा कि पार्टी ने कभी नहीं कहा कि ये चीजें तुरंत बदल जाएंगी.
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