नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन की आर्मी के शीर्ष कमांडर पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को लेकर नौ दौर की बातचीत कर चुके हैं और भविष्य में भी ऐसी बातचीत की जाती रहेंगी। जयशंकर ने विजयवाड़ा में शनिवार को कहा कि अब तक हुई बातचीतों का जमीन पर कोई असर दिखाई नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि, 'सैनिकों के पीछे हटने का मुद्दा बहुत पेचीदा है। यह सेनाओं पर निर्भर करता है। आपको अपनी (भौगोलिक) स्थिति और घटनाक्रम के संबंध में पता होना चाहिये। सैन्य कमांडर इस पर काम कर रहे हैं।'
दरअसल, जयशंकर से जब सवाल किया गया था कि क्या भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुईं झड़पों को लेकर दोनों देशों के बीच मंत्रिस्तरीय बातचीत हो सकती है। इस प्रश्न पर विदेश मंत्री ने यह जवाब दिया। जयशंकर ने कहा कि, 'सेना के कमांडर अब तक नौ दौर की बातचीत कर चुके हैं। हमें लगता है कि कुछ प्रगति हुई है, मगर इसे निराकरण के तौर पर नहीं देखा जा सकता। जमीन पर इन वार्ताओं का असर दिखाई नहीं दिया है।'
विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गत वर्ष अपने-अपने समकक्षों से बात की थी और इस बात पर सहमति बनी थी कि कुछ इलाकों में सैनिकों को पीछे हटना चाहिए। बता दें कि भारत और चीन के बीच गत वर्ष पांच मई से पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध चल रहा है। तनाव खत्म करने लिये दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य और राजनयिक स्तर की बातचीत हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
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