पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर आरक्षण का राग अलापा है. आरजेडी नेता ने कहा है कि तमिल नाडु की तरह बिहार में भी 70 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आरक्षण प्रणाली आबादी के अनुपात में होना चाहिए और इसी के अनुसार आरक्षण को घटाया-बढ़ाया जाना चाहिए.
तेजस्वी शनिवार को पटना में निषाद राजनीतिक जागरुकता सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि बीजेपी संविधान को बदलकर दलित, पिछड़े और अति पिछड़ों को मिले आरक्षण को समाप्त करना चाहती है. उन्होंने कहा कि बिहार में जब आरजेडी की सरकार बनेगी, तब तमिलनाडु की तर्ज पर आरक्षण की सीमा 70 फीसदी तक बढ़ाई जाएगी. केंद्र सरकार द्वारा निषाद जाति को अनुसूचित जाति में जोड़े जाने की मांग को नकार दिए जाने को लेकर भी तेजस्वी यादव ने सवाल खड़े किए.
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बीजेपी देश में अप्रत्यक्ष रूप से आरक्षण को समाप्त कर रही है. आरजेडी नेता ने कहा कि देश में 85 फीसदी आबादी के लिए केवल 49 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है और 15 फीसदी वालों के लिए 51 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था हो रही है यह बीजेपी की चाल है. तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके पिता और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने गरीबों और वंचितों को समाज में सम्मान और सत्ता में भागीदारी दिलाने के लिए जो लड़ाई लड़ी है, उसको आगे जारी रखने की जरूरत है.
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