Aug 11 2016 07:42 PM
इंदौर। श्रावण मास की शुक्ल पक्ष नवमी की तिथि को रिक्ता तिथि के तौर पर मनाया जाएगा। दरअयल यह तिथि शुभ भी होती है और अशुभ भी। हालांकि इस दिन कोई भी नया कार्य प्रारंभ न करना ही बेहतर होता है। इतना ही नहीं इस तिथि का अन्य वारों से भी संबंध है। यदि यह तिथि शनिवार को आए तो शनि रिक्ता योग माना जाता है। इसके प्रभाव के चलते विभिन्न दुष्प्रभावों को नष्ट कर सिद्धि प्रदान करने की क्षमता मिलती है।
यदि यह चैत्रमास में भी आ जाए तो फिर इसमें नवमी, पर शुभकाम नहीं करना चाहिए। रिक्ता तिथि शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की चतुथी, नवमी और चतुर्दशी को आती है। तीर्थ यात्राऐं मेले व अन्य कार्यों के लिए सही होती है। वैसे तिथियां नंदा तिथियां भद्रा तिथियां, जया तिथियां, रिक्ता तिथियां, पूर्णातिथियां, युगादि तिथियां सिद्धा तिथियां आदि होती हैं। दूसरी ओर पर्व तिथि और प्रदोष तिथि भी होती है। वृद्धि तिथि, क्षय तिथि, गंड तिथि आदि तिथियां भी होती हैं।
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