Nov 14 2015 03:34 PM
तिरूवनंतपुरम. तिरूवनंतपुरम के कोवलम में लैंगिक समानता पर आयोजित एक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत में महिलाओं की स्थिति शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया की हिंदुस्तान में 2001 से 2014 तक बलात्कार के मामलों में काफी इजाफा हुआ है और पिछले 14 सालों में यह अपराध दोगुने से भी ज्यादा हो गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सम्मेलन में कहा गया की भारत में 2001 से 2014 तक जहां दुष्कर्म के मामले 16,075 से बढ़कर 36,735 तक पहुंच गए है तो वहीं शादीशुदा महिलाओं के विरुद्ध क्रूरता के मामले भी 49,170 से बढ़कर 1,22,877 तक पहुँच गए.
तिरूवनंतपुरम के कोवलम में लैंगिक समानता पर आयोजित एक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में हिंदुस्तान में महिलाओ की स्थिति के मामले में उच्च-स्तरीय समिति की अध्यक्ष पाम राजपूत ने दोहराया की महिलाओ पर हिंसा के अधिकतर मामले बाहर होने के बजाय घर पर होते है.
जहा पर उनके नजदीकी रिश्तेदार ही इन महिलाओ का यौन उत्पीड़न करते है. तथा यह एक काफी चिंता वाला विषय है. हमे इस पर गंभीरता से विचार विमर्श करना होगा.
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