तो इसलिए होली के बाद मनाई जाती है रंग पंचमी, आप भी जान लीजिए
तो इसलिए होली के बाद मनाई जाती है रंग पंचमी, आप भी जान लीजिए
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होली के दिन देशभर में धूम मची होती है. सभी लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर मस्ती करते हैं. लेकिन होली के पांच दिन बाद मतलब पांचवे दिन रंगपंचमी मनाई जाती है. रंग पंचमी के दिन तो कई जगहों पर होली के दिन से भी ज्यादा धूम धड़का और मस्ती रहती है और हर कोई रंग में भीगा हुआ रहता है. लेकिन क्या कभी आपके मन में यह सवाल नहीं आया कि आखिर ये रंगपंचमी का मतलब क्या होता है और यह मनाई क्यों जाती है?अगर आपको भी नहीं पता तो फिक्र मत कीजिए क्योकि आज हम आपको बताएँगे क्या होता है रंगपंचमी का सही मतलब.

अक्सर ऐसा कहा जाता है कि, पंचमी को खेली जाने वाली रंगपंचमी आह्वान करने के लिए होती है यह सगुण आराधना का भाग है. पंचम स्रोत के बारे में कहा गया कि, पंच तत्वों की के जरिये जीव के भाव अनुसार विभिन्न स्तरों पर ब्रह्मांड में प्रकट होने वाले देवता का कार्यरत स्रोत. रंगपंचमी देवता के तारक कार्य का प्रतीक है. वही ऐसा भी माना जाता है कि, इस दिन वायुमंडल में उड़ाए जाने वाले सभी रंगों के रंग कणों की ओर विभिन्न देवताओं के तत्व आकर्षित और प्रसन्न होते हैं.

सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि, ब्रह्मांड में कार्यरत सकारात्मक तरंगों के संयोग से होकर जीव को देवता के स्पर्श की अनुभूति देकर देवता के तत्व का लाभ मिलता है. जैसा कि आप सभी जानते है कि, इस दिन हर कोई रंग में नहाया हुआ रहता है और हर कोई रंगपंचमी के जश्न में डूबा रहता है.

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