नई दिल्ली: फिल्म अभिनेता शाहरूख खान द्वारा देश में उपजे माहौल को लेकर बोलने का मामला तूल पकड़ा जा रहा है। जहां हिंदूवादी नेताओं द्वारा इस मसले पर शाहरूख की आलोचना की गई और उन्हें पाकिस्तानी एजेंट बताया गया। अब शाहरूख की आलोचना करने के बाद उनके समर्थन में भी बड़े पैमाने पर लोग निकलकर सामने आए हैं। जिसमें फिल्म हस्तियां शामिल हैं। दूसरी ओर योग गुरू बाबा रामदेव भी इस मसले पर चर्चा करने उतर आए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बाबा रामदेव रांची में अपना योग प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने शाहरूख खान के सिने जगत में दिए योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि मगर उन्होंने कहा कि यदि शाहरूख सच्चे देशभक्त हैं तो उन्हें पद्मश्री मिल जाने के बाद की सारी कमाई को दान कर देना चाहिए।
उनका कहना था कि उन्हें प्रधानमंत्री राहत कोष में अपना योगदान देना चाहिए। यही नहीं इस मामले में समझा जाएगा कि जिसकी चाकरी कर उन्होंने अवार्ड प्राप्त किया है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए शाहरूख खान असहिष्णुता की बात करने लगे हैं। शाहरूख खान को वर्ष 2005 में पद्मश्री अवार्ड मिला। ऐसे समय यूपीए की सरकार थी। अब वे अवाॅर्ड देने वाली सरकार को प्रसन्न करने के लिए असहिष्णुता के माहौल की बात कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि शाहरूख खान के स्टेटमेंट को लेकर सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शाहरूख और आतंकी हाफिज सईद की भाषा में कोई अंतर नहीं है। शाहरूख खान ने अपने जन्मदिन पर कहा था कि देश में असहनीय माहौल है। असहिष्णुता बढ़ रही है। ऐसे में यदि उन्हें अवाॅर्ड लौटाने को कहा जाता है तो वे भी अवार्ड लौटा सकते हैं।
जिसके बाद इस मामले में बवाल मच गया। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि शाहरूख खान रहते तो भारत में हैं लेकिन उनका मन पाकिस्तान में रहता है। फिल्मों के करोड़ों कमाने के बाद भी उनहें भारत में असहिष्णु माहौल नज़र आता है।