चित्तौड़गढ: सांप का नाम सुनते ही अच्छे अच्छों के मन में दहशत बैठ जाती है। किन्तु राजस्थान के चित्तौड़गढ में एक ऐसा व्यक्ति है, जो बिना किसी साधन के जहरीले से जहरीले सांपों को एक चुटकी में अपने नियंत्रण में कर उनके साथ खेलते हुए उन्हें जंगल में छोड़ देता है। वन विभाग के कर्मचारी जहां वन्य जीवों ख़ासकर सांपो को पकड़ने के लिए विभागीय उपकरणों एवं बचाव के सभी संसाधनों को साथ लेकर मौके पर पहुंच कार्यवाही करते है, वहीं गाईड के रूप में कार्यरत दुर्ग के रहने वाले अखिलेश टेलर पिछले चार सालों से दुर्लभ जीवों को बचाने का जतन कर रहे है।
अखिलेश बगैर किसी उपकरण के अब तक सैकड़ों जहरीले सांपो के साथ ही अजगर, मगरमच्छ, बाज, चिमगादड़, चन्दन गोयरा, गोयरी समेत कई वन्य जीवों को अपने आत्मविश्वास के दम पर पकड़कर वन क्षेत्र में छोड़ चुके है। टेलर ने प्रेस वालों से बात करते हुए बताया है कि वे वन्य जीवों के संरक्षण में दिलचस्पी लेते हुए निःशुल्क सेवायें देकर सांपो को पकड़ते रहे हैं।
अखिलेश टेलर ने कहा कि, ''सांप सुनता नहीं है, मात्र गंध से सामने वाले पर आक्रमण करता है। ऐसे में हिम्मत बटोर कर पीछे से उसके फन पर हाथ फेरते हुए उसे पकड़कर डिब्बे में बंद करते हुए उसे जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया जाता है।'' अखिलेश के इस हुनर को देखते हुए उनके साथ अन्य लोग भी वन्य प्राणियों की रक्षा में उनकी सहायता करते हैं। अब शहर के लोग इन्हें स्नेक कैचर के नाम से भी पुकारने लगे है।
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