आखिरकार मुक्त हुआ बच्चा, न्यायालय ने दिया दादा-दादी को अधिकार
आखिरकार मुक्त हुआ बच्चा, न्यायालय ने दिया दादा-दादी को अधिकार
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जयपुर : बच्चे की कस्टडी को लेकर न्यायालय में लंबित चल रहा एक मामला आखिरकार दादा - दादी के पक्ष में जाकर पूरा हुआ। दरअसल राजस्थान उच्च न्यायालय ने अपने एक निर्णय में एक गोदनामे को निरस्त कर दिया। इस गोदनामे में साढ़े पांच माह के दूध मुंहे बच्चे को खंडवा के श्री धूनीवाले दादाजी के दरबार में गुरू - शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए छोटे सरकार को गोद दिया गया। अपने बहू - बेटे के निर्णय के विरूद्ध उच्च न्यायालय गए दादा - दादी आखिरकार जीत गए।

दादा - दादी को न्यायालय ने बच्चे की कस्टडी दे दी। हालांकि बच्चा माता - पिता के साथ ही रखे जाने का निर्णय भी न्यायालय ने दिया है। उल्लेखनीय है कि माता - पिता ने अपने बच्चे को बाबा तांत्रिक के पास गोद दे दिया था। बाबा तांत्रिक ने बच्चे को अपने पास रखने की बात कही थी लेकिन इसी बीच बच्चे के दादा - दादी ने आपत्ती ली। जबकि बच्चे के माता - पिता उसे बाबा तांत्रिक को सौंपने के लिए तैयार थे।

न्यायालय के हस्तक्षेप से बच्चे को तांत्रिक से वापस ले लिया गया और सुनवाई लंबी चलती रही। न्यायाल ने आपत्ती ली और कहा कि शिशु बच्चे के माता - पिता के ही पास रहेगा हां उसके दादा दादी और नाना - नानी उससे कभी भी मिल सकेंगे। न्यायालय ने माता - पिता द्वारा बच्चा अपने पास न रखने की बात कही और कहा कि मामला खत्म हो जाता है। जिसके कारण यह गोदनामा निरस्त किया जाता है। उनके दादा सीआरपीएफ के कमांडेंट रह चुके हैं।

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