रायपुर : इस साल छत्तीसगढ़ में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं. उसको लेकर दोनों पार्टियों ने तैयारियां तेज कर दी है किन्तु इस बार का चुनाव भाजपा और कांग्रेस के लिए आसान नहीं बल्कि और मुश्किल होने जा रहा है. सरकार द्वारा जनता के साथ किए जा रहे भेदभाव की निति के विरोध में आया सर्व आदिवासी समाज ने चुनाव लड़ने का फैसला लिया है इसके लिए उन्होंने उम्मीदवार खड़े करने की तैयारी शुरू कर दी है.
ये खबर बीजेपी और कांग्रेस के लिए बुरी है क्योंकि इस बार उनके सामने भू—राजस्व संहिता संसोधन विधेयक की वापसी कर सरकार को नाको तले चने चबाने पर मजबूर करने वाला संगठन सर्व आदिवासी समाज उम्मीदवार खड़े करने जा रहा है. जो दोनों पार्टियों को झटका दे रहा है वहीं बताया जा रहा है कि बीजेपी और कांग्रेस के लिए मुश्किलें इस लिए भी बढ़ रही है. क्योंकि छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत आदिवासी हैं.
बता दें कि प्रदेश में सर्वआदिवासी समाज के बैनर तले करीब 44 जनजातियों के प्रतिनिधि अपने उम्मीदवार को उतारने जा रहे हैं. इसको लेकर सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बीपीएस नेताम का साफ कहा है कि प्रदेश में आदिवासियों के हित के लिए समाज का प्रतिनिधित्व मजबूत करना है. इसलिए चुनाव में सीधे तौर पर समाज अपनी भागीदारी देने की तैयारी कर रहा है.
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