रात का बसेरा बना है
रात का बसेरा बना है
Share:

मेरे वजूद की पर्तें भी
एक-एक कर खुल रही हैं,
दूर होना चाहता हूँ सबसे
पर तू है; कि मुझ में घुल रही है

शाम के मुहाने पर जैसे
रात का बसेरा बना है,
मेरा जीवन-पथ वैसे ही
तेरे होने की महक से सना है !

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -