लखनऊ: काकोरी के मलाहो में एक 22 वर्षीय युवति आरक्षण व्यवस्था से परेशान होकर फांसी पर लटक गई। गांव में उसका शव एक पेड़ से लटका मिला। मिली जानकारी के अनुसार सरिता वर्ष 2014 - 2015 में होने वाली पुलिस भर्ती परीक्षा में चयनित नहीं होने से दुखी थी, मिली जानकारी के अनुसार सरिता पिता गिरीश द्विवेदी ने पुलिस भर्ती बोर्ड में 2014- 2015 में शारीरिक परीक्षा में सफलता अर्जित की थी मगर इसके बाद उसका चयन आगे की परीक्षा के लिए नहीं हुआ। उसे भर्ती प्रक्रिया में होने वाले घोटालों से परेशान थी। उसे आरक्षण व्यवस्था का भी मलाल था। सरिता के परिजन घर से कुछ ही दूर ट्यूबवेल के पास एग थे।
वहीं पर सरिता परिवार के सदस्यों का खाना लेकर गई थी, कुछ देर तक उसने काम में हाथ बंटाने की बात कही मगर बाद में उसका शव पेड़ से लटका मिला, जिसके बाद परिजन ने पुलिस को सूचना दी और मौके पर वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगे। उसके परिजन का कहना था कि व्यवस्था और भ्रष्टाचार के विरूद्ध सख्त कदम उठाने चाहिए, उसने अपने सुसाईड नोट में उल्लेख किया है कि पापा मैने हार नहीं मानी क्यिोंकि हमें सामान्य जाति के होने का अभिशाप था। कहीं लंबाई, कहीं पढ़ाई, कहीं आरक्षण तो क्या करे नौकरी। उसने कहा कि मम्मी मेरा सपना था वर्दी पहनने व इंसाफ की लड़ाई का। इसलिए मैं दौड़- दौड़कर पेट की मरीज बन गई।