भारत में मान्यता मिलने के बाद सीएए और एनआरसी को लेकर पार्टी के स्पष्ट विरोध के बावजूद कुछ वरिष्ठ नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठने के बाद महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने खुद कमान संभाल ली है. इस मुद्दे पर प्रियंका की लगातार सक्रियता और हस्तक्षेप के बाद ही तय हुआ है कि पार्टी इस मुद्दे पर रविवार को पूरे देश में सड़कों पर उतरेगी. कांग्रेस ने पहले 28 दिसंबर का दिन तय किया था.रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री की रैली से एक किलोमीटर की दूरी पर राजघाट में प्रियंका की अगुवाई में अचानक धरने का कार्यक्रम तय हुआ है. कांग्रेस दोपहर दो से शाम छह बजे तक शांतिपूर्ण सांकेतिक धरने पर बैठेगी. वहीं कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य जगहों पर प्रदेश अध्यक्षों की अगुवाई में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. राजस्थान में इसकी कमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने हाथ ली है.
वीर सावरकर पर कांग्रेस को शिवसेना की नसीहत, कहा- 'दुनिया भर में खेला गया माफ़ी का दांव'
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देश भर में खासकर यूपी के दर्जनों शहरों में प्रदर्शनकारियों पर पुलिसिया कार्रवाई पर प्रियंका गांधी ने बयान जारी कर कहा कि जनता की आवाज दबाने के लिए देश में तानाशाही का तांडव हो रहा है. उन्होंने फिर दोहराया कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून देश की गरीब जनता के खिलाफ है. प्रियंका ने छात्रों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों की गिरफ्तारी की निंदा की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लखनऊ दौरा होगा अहम, इस दिग्गज नेता की प्रतिमा का करेंगे अनावरण
इसके अलावा उनका कहना है कि किसी भी कीमत पर बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान पर हमला नहीं होने दिया जाएगा. जनता इस हमले के खिलाफ सड़क पर उतर कर संविधान के लिए लड़ रही है लेकिन सरकार बर्बर दमन और हिंसा पर उतारू है. उनका कहना है कि जगह-जगह चल रहे प्रदर्शन और मार्च में पुलिस लोगों को हिंसा के लिए उकसा रही है.
CAA : पुलिस ने उठाया सख्त कदम, SP नेता समेत 65 लोगो का बुरा हुआ हाल
पाकिस्तान परेशानी बढ़ी, आतंकवाद पर किए गए सवाल जवाब
सांसद साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर विमान में धरने पर बैठी, इस वजह से हुई नाराज