राष्ट्रपति ने किया देशवासियों को संबोधित
राष्ट्रपति ने किया देशवासियों को संबोधित
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नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि भारत एक लोकतंत्रात्मक देश है और इसकी ताकत में निश्चित ही इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के प्रमुख आधार न्याय, स्वतंत्रता तथा भाईचारा है और इसकी ताकत बढ़ गई है। 

प्रणब मुखर्जी ने यह बात रविवार को देशवासियों को संबोधित करते हुये कही। वे स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले स्वाधीनता संग्राम सेनानियों के बारे में कहा कि यदि वे अपनी कुर्बानी नहीं देते तो संभवतः आज भी हमारा देश आजाद नहीं हो सकता था। 

उनकी कुर्बानी, युवाओं के लिये प्रेरणा स्त्रोत है, युवाओं को शहीदों के जीवन से कुछ न कुछ ग्रहण करना ही चाहिये। उन्होंने कहा कि यदि अपने स्वप्नों का भारत निर्मित करना है तो भाग्य को मुठ्ठी में करना होगा। 

इसके साथ ही उन्होंने वैज्ञानिक प्रवृत्ति को प्रोत्साहन देने का भी आह्वान किया। उन्होंने देश की रक्षा में जुटे सैनिकों को लेकर कहा कि सीमाओं की सुरक्षा के लिये मुस्तैदी से जुटने वाले वीर सिपाहियों के बल पर ही हम आजाद भारत में सांसें ले रहे है।

70वें स्‍वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्‍या पर राष्‍ट्र के नाम अपने संबोधन में श्री मुखर्जी ने कहा कि असहिष्‍णु और विघटनकारी ताकतें अपना सिर उठाने की कोशिश कर रही हैं। उन्‍होंने गहरी चिंता जताते हुए कहा कि कमजोर वर्गों पर हमले देश के राष्‍ट्रीय चरित्र के खिलाफ है। हालांकि, उन्‍होंने कहा कि ऐसी ताकतें हमेशा हाशिए पर रहेंगे और भारत की विकास गाथा बिना रुकावट के आगे बढ़ती रहेगी।

उन्होंने देश के वीर सपूतों का स्मरण किया और सभी देशवासियों को स्वाधीनता दिवस की शुभाकामाएं भी दी। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हमें अपने देश के समुचित विकास करने के लिये योगदान देना होगा।

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