Oct 26 2016 10:56 PM
शास्त्रों के अनुसार शिवजी का प्रतीक शिवलिंग कहीं से टूट जाने पर भी खंडित नहीं माना जाता. शिवलिंग चाहे कितना ही खंडित हो जाए वो सदेव ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है. ऐसा इसलिए है कि भगवान शिव ब्रह्मरूप होने के कारण निष्कल अर्थात निराकार कहे गए हैं भगवान भोलेनाथ की दो रूपों में पूजा की जाती है मूर्ति रूप और शिवलिंग रूप में. महादेव का मूर्तिपूजन भी श्रेष्ठ है
लेकिन लिंग पूजन सर्वश्रेष्ठ है माना जाता है. हमारे शास्त्रों द्वारा शिवजी सहित किसी भी देवी देवता की केवल शिव ही निराकार लिंग के रूप में पूजे जाते है. इस रूप में समस्त ब्रह्मांड का पूजन हो जाता है क्योंकि वे ही समस्त जगत के मूल कारण माने गए हैं.
शिवलिंग बहुत ज्यादा टूट जाने पर भी पूजनीय है. अत: हर परिस्थिति में शिवलिंग का पूजन सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला जाता है. शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग का पूजन किसी भी दिशा से किया जा सकता है लेकिन पूजन करते वक्त भक्त का मुंह उत्तर दिशा की ओर हो तो वह सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.
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