गांधीनगर। गोधरा कांड के 28 आरोपियों को आज गांधीनगर न्यायालय ने बरी कर दिया। इन लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। इन लोगों पर हिंसा भड़काने और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का आरोप था। गौरतलब है कि साबरमती ट्रेन की स्लिपर बोगीज़ को जलाए जाने के बाद वर्ष 2002 में कलोल के पलियाड़ गांव में हिंसा की वारदात हो गई। इन लोगों पर यह हिंसा फैलाने का आरोप था।
आरोपियों में कलोल नागरिक सहकारी बैंक के चैयरमैन गोविंद पटेल शामिल थे। न्यायालय में सुनवाई के दौरान गवाह आरोपियों को पहचान नहीं पाए। आरोपियों को लेकर गवाहों ने दलील दी गई कि वे किसी से घृणा नहीं करते हैं साथ ही उनका आरोपियों से समझौता हो चुका है।
गौरतलब है कि अल्पसंख्यकों को नुकसान की भरपाई किए जाने की बात पहले ही की जा चुकी है। यह बात बचाव पक्ष के अभिभाषक भावेश रावल ने न्यायालय के सामने रखी। गौरतलब है कि गोधरा कांड ऐसा कांड था जिसके बाद देशभर में तनाव का माहौल व्याप्त हो गया था और गुजरात राज्य में उपद्रव मच गया था। बड़े पैमाने पर इसमें लोगों की जान चली गई थी।
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