नई दिल्ली: रविवार को वेटिकन सिटी में वह समय इतिहास बन गया, जब मदर टेरेसा को संत की उपाधि से नवाजा गया। वेटिकन में इस अवसर पर न केवल इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनने के लिये विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मौजूद थी वहीं दुनिया भर के भी लोग उपस्थित होकर मदर टेरेसा के कार्यों को याद करते रहे। पोप फ्रांसिस ने मदर को संत की उपाधि देने का जैसे ही घोषणा की, उपस्थित लोगों की आॅंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। बीते दिनों ही पोप ने मदर टेरेसा को संत की उपाधि देने का ऐलान किया था, यह ऐलान रविवार को वेटिकन सिटी में साकार कर दिया गया। वेलिटन सिटी में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे थे।
सेवा की मिसाल थी मदर-
मदर टेरेसा अपने जीवन भर सेवा की मिसाल बनी रही। वे जाति पाती से परे हटकर दीन दुखियों और गरीबों की सेवा करती रही। भारत उनकी कर्म स्थली रही है और यही कारण रहा कि संत की उपाधि मिलने वाले अवसर का गवाह बनने के लिये भारत सरकार की ओर से सुषमा स्वराज ने भी प्रतिनिधित्व किया। इस अवसर पर पूरे शहर को सजाया गया था।
गौरतलब है कि मदर को नोबल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने लोगों की सेवा तो की, लेकिन कभी किसी सम्मान की अपेक्षा नहीं रखी। लेकिन दुनिया ने भले ही देर से ही सही, उन्हें उनके सेवा कार्यों के लिये संत घोषित करने का निर्णय जरूर लिया है। रविवार को मदर के लिये कोलकाता सहित अन्य कई शहरों में प्रार्थना भी की गई है। इसके अलावा कार्यक्रम में देश भर से कोई 40 से अधिक बिशप व फादर भी शामिल होने के लिये वेटिकन सिटी गये है।