मनी लॉन्डरिंग मामले में मंत्री सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी पर राजनीति शुरू, खड़गे बोले- हम झुकेंगे नहीं
मनी लॉन्डरिंग मामले में मंत्री सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी पर राजनीति शुरू, खड़गे बोले- हम झुकेंगे नहीं
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चेन्नई: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी की विपक्षी दलों ने आलोचना की है। विपक्षी दलों ने एक सुर में आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार प्रतिशोध की राजनीति कर रही है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC) और JDU सहित विभिन्न दलों ने मंत्री के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई का विरोध किया है। 

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी को प्रतिशोध की सियासत बताया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल ऐसी कार्रवाइयों के आगे झुकने वाले नहीं हैं। खड़गे ने एक बयान में कहा कि बालाजी के खिलाफ कार्रवाई कुछ और नहीं बल्कि मोदी सरकार द्वारा उन लोगों के खिलाफ सियासी उत्पीड़न और प्रतिशोध की कार्रवाई है, जो उनका विरोध करते हैं। खड़गे ने जोर देते हुए कहा कि विपक्ष में कोई भी ऐसे कदमों के सामने झुकने वाला नहीं है।

वहीं, जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने इसे मोदी सरकार की घबराहट और हताशा करार दिया है। जेडीयू के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि ED ने वी. सेंथिल बालाजी के घर पर रेड मारी है जो 23 जून को पटना में नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई सभी विपक्षी दलों की मीटिंग के मद्देनज़र मोदी सरकार की घबराहट और हताशा को दिखाता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विपक्षी दलों को बदनाम करने के लिए संवैधानिक संस्थाओं का गलत इस्तेमाल कर रही है।

सेंथिल बालाजी पर क्यों हुई कार्रवाई:-

बता दें कि,  कैश फॉर जॉब घोटाले को लेकर ED ने मंत्री के ठिकानों पर रेड मारी थी, जिसके बाद आज एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।  हिरासत में लिए जाने के फ़ौरन बाद ही मंत्री सेंथिल बालाजी ने सीने में दर्द की शिकायत की। इसके बाद उन्हें मेडिकल के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहाँ वह फूट-फूटकर रोते दिखाई दिए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेंथिल बालाजी मंगलवार (13 जून, 2023) को मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। इसी दौरान सुबह करीब 7 बजे ईडी ने उनके घर पर छापा मारा था। इसकी सूचना मिलने पर बालाजी टैक्सी पकड़ कर घर गए। इसके बाद शुरू हुई लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अब ईडी उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड की माँग करेगी।

बता दें कि, सेंथिल बालाजी को परिवहन विभाग में हुए कैश फॉर जॉब घोटाला मामले में अरेस्ट किया गया है। वर्ष 2011 से 2016 तक AIADMK सरकार में सेंथिल बालाजी परिवहन मंत्रालय संभाल रहे थे। इसी दौरान उन पर पैसे यानी रिश्वत के बदले नौकरी देने का इल्जाम है। इस घोटाले का खुलासा होने के बाद जाँच टीम का गठन किया गया। पुलिस ने जाँच कर सेंथिल बालाजी सहित 46 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। इस घोटाले में परिवहन विभाग के कई बड़े अफसरों को भी आरोपित बनाया गया है।

चूँकि मामला धनशोधन यानी मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है। ऐसे में जाँच पुलिस और आयकर विभाग से होते हुए ED तक पहुँच गई। इसके बाद ED ने उन्हें नोटिस जारी किया था। मगर सेंथिल ED के इस नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए, जहाँ उन्हें सर्वोच्च न्यायालय ने राहत देने से इनकार करते हुए पुलिस और ED को जाँच करने की इजाजत दे दी। इसके बाद अब ED ने छापेमार कार्रवाई करते हुए सेंथिल बालाजी को अरेस्ट कर लिया। इससे पहले आयकर विभाग भी उनके ठिकानों पर छापेमारी कर दस्तावेज़ों की तलाशी ले चुका है। अब ED उन्हें कोर्ट में पेश करेगी, जहाँ एजेंसी अदालत को सबूत दिखाकर मंत्री की रिमांड मांगेगी। यदि ED मंत्री सेंथिल बालाजी के खिलाफ कोर्ट में आरोप साबित करने में नाकाम रहती है, तो अदालत उन्हें छोड़ देगी, वहीं यदि कोर्ट को कुछ भी गड़बड़ लगती है, तो मंत्री को रिमांड पर भेज दिया जाएगा। हालाँकि, इससे पहले ही विपक्षी दलों द्वारा इस कार्रवाई को सियासी दुर्भावना की कार्रवाई बताने का सिलसिला शुरू हो गया है। 

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