राजनीति के समागम को लेकर तेज हुई बयानबाजी
राजनीति के समागम को लेकर तेज हुई बयानबाजी
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पटना : इन दिनों बिहार में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा जमकर तैयारियां की जा रही हैं। आगामी तीन माह बाद होने वाले चुनावों को लेकर जहां जदयू और आरजेडी ने विलय कर जनता परिवार का गठबंधन किया है वहीं भारतीय जनता पार्टी अकेले ही किला लड़ाने में लगी है। ऐसे में भाजपा महादलित नेता पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को साथ लाने में सफल रही है। इस दौरान एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र की ओर से राजनीति के महासमागम पर बहस का आगाज़ किया गया। इस बहस में राजनीतिक प्रतिस्पर्धी एक मंच पर आमने सामने आए। हालांकि प्रतिस्पर्धी एक दूसरे पर राजनीतिक रूप से शब्द बाण चलाते रहे लेकिन आपस में मेल - मुलाकात करने पर सभागार में हर कहीं हंसी ठिठोली का दौर भी चलता रहा।

इस कार्यक्रम के प्रथम सत्र में जहां लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार साथ थे तो दूसरे सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और सांसद पप्पू यादव ने भागीदारी की जिसमें उन्होंने कहा कि बिहार में ऐसे वर्गों के लिए काम किया है जो बाहर थे। सभी वर्गों के लिए हमने काम किया। मगर इसमें प्रेक्टिकल तौर पर कुछ काम नहीं हो पाया।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि लालू और नीतीश का गठबंधन अनैतिक है। भाजपा गठबंधन निश्चित तौर से लालू और नीतीश के गठबंधन को समाप्त कर देगा। यूं भी अब लालू की लोकप्रियता कम होती जा रही है। पप्पू यादव ने भी लालू प्रसाद यादव को लेकर इसी तरह का विरोध किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लालू को जनता ने सीएम नहीं माना। उन्हें सीएम बनाने के लिए मैंने भी बहुत प्रयास किए।

दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह पार्टी सबसे बड़ी जातिवादी पार्टी है। यह केवल जाति का समागम कर रही है। मोदी के नाम पर अच्छे दिन आने की बात कही जा रही है लेकिन कोई अच्छे दिन नहीं आने वाले हैं।

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