नई दिल्ली : गुरुवार को नीति आयोग के साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने बैठक की। इस दौरान पीएम 15 साल के लिए विजन डॉक्युमेंट को फाइनल करने के आदेश दिए गए। इस दौरान पीएम ने व्यापक पैमाने पर परिवर्तन की जरुरत को रेखांकित करते हुए कहा इसका निवारण केवल नीतिगत सुधारों से ही संभव है।
पीएम ने कहा कि मैं प्रोयग करने वालों से में हूं औऱ मुझमें इसकी हिम्मत है। इस दौरान पीएम ने कृषि से लेकर पर्यटन तक में सुधार पर जोर दिया। पीएम ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में कम दक्ष लोगों को रोजगार देने की अपार संभावनाएं है। इसके लिए सिक्किम का उदाहरण पेश करते हुए मोदी ने कहा कि नवाचार को गति देने के लिए हमें आउट ऑफ द बॉक्स जाकर सोचना होगा।
अधिकतम लोगों तक लाभ पहुंचाने के लिए संस्थानों और संसाधनों के बहु उपयोग पर भई विचार करना होगा। मजबूत राज्य से ही सशक्त भारत के निर्माण की बात करते हउए मोदी ने कहा कि हमें ऐसे प्राकृतिक संसाधनों की सूची तय करनी होगी, जिसका अब तक दोहन नहीं हुआ है। भारत अब तक सौर ऊर्जा का पूर्ण रुप से उपयोग करने में सफल नहीं हो पाया है।
कृषि के संबंध में पीएम ने कहा कि केवल फसल उगाना ही हमारा लक्ष्य नहीं होना चाहिए बल्कि इससे किसानों का समग्र विकास भी होना चाहिए। पीएम ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की महत्ता का उल्लेख करते हुए उन्होने वेयर हाउस विकास और प्रोद्योगिकी के उपयोग पर बल दिया। पीएम ने नीति आयोग को गौस की सब्सिडी छोड़ने के अभियान की सफलता से सीख लेने को कहा।
बैठक के बाद आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने पत्रकारों से कहा कि पीएम ने विजय डॉक्युमेंट को तैयार करने के लिए विस्तार से मार्गदर्शन किया। अब नीति आयोग इस दिशा में काम करेगी। विजन डॉक्युमेंट अलावा बैठक में गरीबी उन्मूलन पर गठित कार्यबल भी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इस मीटिंग में आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया व अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।
इस दौरान इस बात पर भी चर्चा की गई कि देश में कृषि के भविष्य को कैसे तेजी से आगे बढ़ाया जाए, इस पर भी वर्क फोर्स को अपनी रिपोर्ट दी। केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद योजना आयोग का नाम बदलकर नीति आयोग रखा गया था। इस आयोग में राज्यों के मुख्यमंत्री, होम, फाइनेंस, रेलवे और कृषि मंत्री भी नामित सदस्य है।