नई दिल्ली: पुरे भारत में आज 27 जून को राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के रचयिता तथा बंगाल के लोकप्रिय साहित्यकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि चट्टोपाध्याय ने अपनी सभी रचनाओं के माध्यम से भारतीय विचारों की महानता प्रदर्शित की।
Paying homage to Rishi Bankim Chandra Chattopadhyay on his Jayanti. Through his extensive body of work, he showcased the greatness of India’s ethos. #VandeMataram, penned by him, inspires us to serve India with humility and devote ourselves towards empowering our fellow Indians.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 27, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अपनी सभी रचनाओं के माध्यम से उन्होंने भारतीय लोकाचार की महानता प्रदर्शित की। उनके द्वारा रचित ‘वंदे मातरम’ हमें विनम्रता के साथ देश की सेवा करने तथा हमारे साथी भारतीयों को सशक्त बनाने की दिशा में प्रेरित करता है।” बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय 19वीं शताब्दी के प्रकांड विद्वान, कवि तथा उपन्यासकार थे। उन्होंने राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ की रचना की थी, जिसे पश्चात् में सन 1882 में ‘आनंद मठ’ नाम के उपन्यास में सम्मिलित किया गया था।
साथ ही वह बांग्ला भाषा के एक प्रसिद्ध कवि तथा उपन्यासकार थे। ‘दुर्गेशनंदिनी’ और ‘कपालकुंडला’ उनकी आरम्भिक प्रमुख रचनाओं में सम्मिलित हैं। दोनों उपन्यासों का कई अन्य भाषाओं में भी अनुवाद किया जा चुका है। बंकिमचंद्र के उपन्यासों का भारत की तकरीबन सभी भाषाओं में अनुवाद किया गया है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी चट्टोपाध्याय की पहली रचना ‘दुर्गेशनंदिनी’ थी। उन्होंने 1872 में मासिक पत्रिका ‘बंगदर्शन’ का भी प्रकाशन किया था। बंगाली साहित्यकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का जन्म 27 जून, 1838 को पश्चिम बंगाल के नैहाटी में एक रूढ़िवादी बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
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