मन की बात में मोदी ने कहा पूरी दुनिया ने योग को स्वीकारा
मन की बात में मोदी ने कहा पूरी दुनिया ने योग को स्वीकारा
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आकाशवाणी पर एक बार फिर 'मन की बात' कार्यक्रम के अंतर्गत देशवासियों को संबोधित करते हुए अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस पर बातचीत की. उन्‍होंने बताया कि लाखों लोगों ने यादगार चित्र भेजे और उसे मैंने रीट्वीट कर उन्हें पोस्ट भी किया. योग दिवस ने मेरे मन को आंदोलित कर दिया.

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पूरी दुनिया ने योग को स्वीकारा है. यह भारत के लिए गर्व का विषय  है. उन्‍होंने बताया कि योगाभ्‍यास का सूरज दुनिया में कहीं नहीं अस्त होता है. योग ने पूरी दुनिया को जोड़ा. फ्रांस व अमेरिका से लेकर अफ्रीकी व मध्‍यपूर्व के देशों में योग करते लोगों को देखना हमेशा हृदय में जीवित रहेगा. उन्‍होंने टाइम्‍स स्‍क्‍वायर से लेकर सियाचिन और दक्षिण चीन सागर में सैनिकों द्वारा योगाभ्‍यास कार्यक्रम में समिल्लित होने की सराहना की.

पीएम मोदी ने बोला कि कहा कि आइटी प्रोफेशनल्‍स योग शिक्षकों का एक डाटाबेस निर्मित करें. हम इनका उपयोग दुनियाभर में कर सकने में सक्षम हो. इसके साथ ही उन्‍होंने योग दिवस के आयोजन के लिए आयुष विभाग की भी प्रशंशा की. उन्‍होंने बोला कि लालकिले से शौचालय बनाने की अपील मिली थी. यह काम लगभग पूर्ण हो चुका है.

उन्‍होंने आगामी रक्षा बंधन पर्व को जनआंदोलन बनाने की बात करते हुए कहा कि इससे मां-बहनों को एक सूत्र में बाँधा जाए. उन्‍होंने जनसुरक्षा योजना (बीमा व पेंशन योजना) पर बातचीत करते हुए  बताया कि इसके सकारात्‍मक परिणाम देखने को मिला है. इससे 10 करोड़ से ज्‍यादा लोग सम्बन्ध रखते है.

पीएम मोदी ने सम्बोधन में कहा कि लोगों ने मुझे मानसून पर अपने विचार प्रकट करने की सलाह दी. जल हमारे जीवन को सहक्ति प्रदान करता है. यह मौसम हमें अपने आप को प्रकृति से जोड़ने का अनुभव करता है. उन्‍होंने बताया कि बारिश में स्वछता का खास विशेष ध्यान रखने से बीमारी से बचाव किया जा सकता है. उन्‍होंने लोगों से बूंद-बूंद जल संरक्षण की अपील भी की.

एक जुलाई को प्रारम्भ होने वाले 'सबको आवास' कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए कहा कि आजादी के 75 साल बाद मै सबको आवास सुविधा प्रदान करवाना चाहता हु. इसके लिए आपका समर्थन  अपेक्षित है.

ध्यान देने योग्य है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बीते वर्ष तीन अक्टूबर को 'मन की बात' कार्यक्रम का शुभारम्भ किया था. यह नौंवी बार है जब पीएम ने मन की बात की कार्यकर्म में भाग लिया. अंतिम बार वह इस कार्यक्रम में 30 मई को लोगों से बातचीत की थी. इसमें उन्होंने वन रैंक वन पेंशन एवं बोर्ड परीक्षा में सफल छात्रों के बारे में विचार प्रकट किये है. इसके अतिरिक्त किसान चैनल के विषय  में भी चर्चा की थी.

इसी वर्ष 27 जनवरी को हुए कार्यक्रम के चौथे प्रसारण में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मिलकर लोगों के पत्रों के जवाब दिए थे.

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